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November 23, 2024 5:59 am

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आखिर संगीनों की साये में स्कूल आने को क्यों मजबूर हुईं छात्राएं ?

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नरेश ठाकुर की रिपोर्ट 

आगरा। यह एक गंभीर घटना है जो छात्राओं की सुरक्षा और शिक्षा में गैरकानूनी हरकतें करने वाले एक शिक्षक के खिलाफ उठी है। बच्चियों की सुरक्षा और उनके भय को देखते हुए, पुलिस द्वारा अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था लागू की गई है। इसके अलावा, शिकायत करने वाली छात्राओं की मेडिकल परीक्षा भी कराई गई है।

इस मामले में प्रशासन द्वारा सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए और यदि आरोपी शिक्षक की खिलाफ सभी साक्ष्य और सबूत साबित होते हैं, तो उसे कठोर नियमों के अनुसार सजा देनी चाहिए। उसके असलहा का लाइसेंस निरस्त करने से वह शिक्षा क्षेत्र में कार्य करने की पात्रता खो देगा और इससे उसके आगामी करियर पर भी प्रभाव पड़ेगा।

बता दें कि शमसाबाद के गांव लहरा के कंपोजिट स्कूल के शिक्षक आशुतोष शर्मा पर आरोप है कि वह पांचवीं कक्षा की बच्चियों के साथ अश्लील हरकतें करता था। बच्चियों की जेब में हाथ डालकर उनके साथ छेड़खानी करता था। साथ ही डराने धमकाने के लिए अपनी लाइसेंसी पिस्टल का इस्तेमाल करता था।

पांच बच्चियों ने इसकी शिकायत जिलाधिकारी और पुलिस कमिश्नर से की थी। इसके बाद आरोपी शिक्षक पर पॉक्सो ऐक्ट समेत गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया है। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने आरोपी शिक्षक को निलंबित भी कर दिया है, लेकिन अभी तक शिक्षक की गिरफ्तारी नहीं होने से बच्चियों में भय का माहौल है।

डरी सहमी हैं बच्चियां

इस वजह से बच्चियों ने स्कूल जाने से इनकार कर दिया था। करीब एक सप्ताह से स्कूल के गेट पर ताला लटका था। बच्चियों ने पुलिस अधिकारियों और स्कूल जाने से साफ इनकार कर दिया था। अभिभावक भी अपनी बच्चियों को स्कूल भेजना नहीं चाह रहे थे। आरोपी के शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई होते देख बच्चियों में कुछ हिम्मत आयी है।

थाना शमसाबाद प्रभारी आलोक कुमार दीक्षित ने बताया कि बृहस्पतिवार को बच्चियों को महिला पुलिसकर्मियों और प्रेक्षकों के साथ स्कूल भेजा गया है। पूरे प्रकरण में बच्चियों की मदद कर रहे चाइल्ड राइट एक्टिविस्ट नरेश पारस का कहना है कि बच्चियों की सुरक्षा अहम है। बच्चियों को मोरल सपोर्ट मिलना चाहिए। जिससे बच्चियों का भय दूर हो सके।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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