दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
बरेलीः बिथरी चैनपुर में दलित युवती से छेड़छाड़ और उससे मारपीट करने के मामले में इंस्पेक्टर ने संवेदनहीनता की सभी हदें पार कर दीं। पीड़िता के पिता ने घटनाक्रम को लेकर तहरीर दी तो आरोप है कि आरोपी पक्ष से साठगांठ होने पर दो दिन तक टरकाया जाता रहा। मामले के शिकायत आला अधिकारियों से करने की बात कही तो इंस्पेक्टर ने अपने अनुसार तहरीर लिखाकर केवल छेड़छाड़ की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज ली। पीड़िता के परिजन अब इस मामले की शिकायत आला अधिकारियों से करने की बात कह रहे हैं।
कार्रवाई करने के बजाय पुलिस मामले में लीपापोती करती रहीः पीड़ित
युवती के पिता ने बताया कि उनकी बेटी शनिवार सुबह शौच के लिए घर से थोड़ी दूर पर खेत में गई थी। आरोप है कि इस दौरान गांव का सुखपाल, वीर प्रताप, योगेश और अमरजीत ने बेटी को बदनियती से गन्ने के खेत में खींचने की कोशिश की। जब उसने शोर मचाया तो वह मौके पर पहुंचे तो सभी ने उनके साथ भी मारपीट शुरू कर दी और जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए भाग गए। इसकी शिकायत तत्काल ही पुलिस से की लेकिन कार्रवाई करने के बजाय पुलिस मामले में लीपापोती में जुटी रही।
सत्ताधारी पार्टी के एक नेता का करीबी है आरोपी
आरोप यह भी है कि एक आरोपी सत्ताधारी पार्टी के एक नेता का करीबी है। इसलिए इंस्पेक्टर दबाव के चलते रिपोर्ट नहीं दर्ज कर रहे थे। बाद में तहरीर बदलकर जो रिपोर्ट दर्ज की उसमें भी धाराओं में खेल कर दिया गया। मारपीट जातिसूचक शब्दों को लेकर जिक्र नहीं किया और छेड़छाड़ की रिपोर्ट दर्ज कर इतिश्री कर ली। बताया यह भी जा रहा है कि आरोपी गांव में पुलिस से बेखौफ होकर खुलेआम घूम रहे हैं।
आरोप- समझौते के लिए हड़काते रहे इंस्पेक्टर
पीड़िता के पिता का आरोप है कि वह दलित जाति के हैं और लड़के दूसरी बिरादरी के हैं। इनमें एक आरोपी खुद को एक सत्ताधारी नेता का करीबी बताता है। इसलिए इंस्पेक्टर संजय सिंह दो दिन तक उसे इस मामले में समझौता करने के लिए हड़काते रहें। इतना ही नहीं जब वह नहीं माना तो पुलिस ने उसकी तहरीर बदलकर अपने आप तहरीर लिखकर केवल छेड़खानी की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दिया। जबकि उसकी तहरीर में आरोपियों द्वारा बोले गए जातिसूचक शब्दों का जिक्र किया था। मगर, पुलिस ने एससीएसटी की धारा तक नहीं लगायी। उसने यह भी बताया कि उनके द्वारा दी गयी तहरीर में उनका निशानी अंगूठा लगा था जबकि दूसरे दिन पुलिस ने जो तहरीर दिखाई उसमें अंगूठा नहीं था वह सादा पन्ने पर लिखी हुई थी। इसको लेकर जब आपत्ति की तो कहा कि शांत रहो वरना जिन धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की जा रही है वह भी नहीं होगी।
शिकायतकर्ता द्वारा लगाए जा रहे आरोप पूरी तरह से निराधारः प्रभारी निरीक्षक
प्रभारी निरीक्षक संजय सिंह से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता द्वारा लगाए जा रहे आरोप पूरी तरह से निराधार है। उसकी ओर से जो तहरीर दी गई थी उसके आधार पर ही छेड़छाड़ की धाराओं में मुकदमा लिखा गया है। लगाए गए आरोपों की पुलिस जांच कर रही।”
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."