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19 January 2025 1:46 pm

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5हजार वर्ष प्राचीन, 15 फुट जमीन के ऊपर और 64 फुट जमीन के अंदर विश्व का सबसे उंचा शिवलिंग यूपी में ; अब खास अंदाज में पर्यटकों को आकर्षित करेगा

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट

गोंडा जिला मुख्यालय से करीब 33 किलोमीटर दूर स्थित खरगुपुर में प्राचीन पृथ्वीनाथ मंदिर स्थित है। इसमें स्थापित शिवलिंग काले कसौटी के पत्थर का है। किवंदतियों के अनुसार, पांडव पुत्र भीम ने द्वापरयुग में इस शिवलिंग की स्थापना की थी। इस मंदिर में एशिया का सबसे बड़ा शिवलिंग स्थापित है। 

मंदिर के पुजारी राम मनोहर तिवारी ने कहा कि हर सोमवार को मंदिर में मेला लगता है। जबकि, सावन मास और शिवरात्रि पर हजारों की संख्या में जिले व दूसरे क्षेत्रों से श्रद्धालु आते हैं। यह मंदिर पुरातत्व विभाग से संरक्षित है।

बताया जाता है कि इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग विश्व का सबसे ऊंचा शिवलिंग है, जिसे द्वापर युग में पांडवों के अज्ञातवास के दौरान भीम ने स्थापित किया था। बताया जाता है कि इस शिवलिंग के दर्शन मात्र से ही सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।

महाभारत के अनुसार, पांडवों के अज्ञातवास के दौरान भीम ने बकासुर का वध किया था। बकासुर के वध के कारण भीम को ब्रह्महत्या का दोष लगा था। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दोष से मुक्ति के लिए भीम ने शिवलिंग की स्थापना की थी। बताया जाता है कि ये सात खंडों का शिवलिंग है जो 15 फुट ऊपर दिखता है और 64 फिट जमीन के नीचे है।

इतिहासकारों के अनुसार, मुगल सम्राट के कार्यकाल में किसी सेनापति ने यहां पूजा अर्चना की थी और मंदिर का जीर्णोद्धार कराया था। बताया जाता है कि भीम द्वारा स्थापित यह शिवलिंग धीरे-धीरे जमीन में समा गया। इसके बाद खरगूपुर के राजा मानसिंह की अनुमति से पृथ्वीनाथ सिंह के नाम के एक शख्स ने मकान निर्माण के लिए यहां पर खुदाई शुरू करा दी।

बताया जाता है कि उसी रात पृथ्वीनाथ सिंह को सपने में पता चला कि उस जमीन के नीचे सात खंडों का एक शिवलिंग दबा हुआ है। उसके बाद शिवलिंग खोदवाकर पूजा-अर्चना शुरू करा दी गई। इसके बाद ही इस मंदिर का नाम पृथ्वीनाथ मंदिर पड़ गया।

लगभग चार दशक पूर्व पुरातत्व विभाग की जांच में पता चला कि यह एशिया का सबसे बड़ा शिवलिंग है, जो 5000 वर्ष पूर्व महाभारत काल का है। मंदिर के पुजारी श्याम कुमार गोस्वामी ने बताया कि मंदिर प्राचीन महत्व का है। भक्तों का कहना है कि यहां सच्चे मन से जलाभिषेक तथा दर्शन पूजन करने से मनवांछित फल प्राप्त होता है।

दुर्लभ काले पत्थर व विशाल शिवलिंग भक्तों के मन को मोह लेता है। महाशिवरात्रि, सावन सोमवार, मास शिवरात्रि, गंगा दशहरा, कजली तीज आदि पर्व पर विशाल मेले का आयोजन होता है। यहां लोगों की बहुत बड़ी भींड उमड़ती हैं और लोग पृथ्वीनाथ महादेव की आराधना करते हैं।

अतीत की यादें संजोए हुए गोंडा का श्री पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर अब विदेशी पर्यटकाें को भी लुभाएगा। देश-विदेश में बैठे लोग गूगल पर श्री पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर के नाम सर्च करके जानकारी हासिल कर सकते हैं। यही नहीं, मंदिर के इतिहास व विकास से जुड़ी जानकारियां साझा करने के लिए करीब पांच मिनट की एक डाक्यूमेंट्री फिल्म भी बनाई गई है। मंदिर परिसर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए करीब दो करोड़ रुपये की परियोजनाएं शुरू की गई हैं।

अमृत उद्यान, अमृत सरोवर, ओपन जिम, मिनी स्टेडियम, वालीबाल व बैडमिंटन नेट, पार्किंग स्थल, पार्क के अलावा सड़क किनारे दुकानों का निर्माण कराया जाएगा। नक्शे की डिजाइन आलोक द्वीप, विपिन पाल, रिया पाल, सोनाली श्रीवास्तव ने की है। सांसद कीर्तिवर्धन सिंह, विधायक मेहनौन विनय द्विवेदी, विधायक कटराबाजार बावन सिंह व डीएम डा. उज्ज्वल कुमार ने परियोजनाओं का शुभारंभ किया।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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