संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
चित्रकूट- जिले की ग्राम पंचायतों में ठेकेदारी प्रथा चरम सीमा पर है जिसके चलते ग्राम पंचायतों के विकास कार्यों में मानक विहीन कार्य कराकर सरकारी धन का मनमाने तरीके से बंदरबाट किया जा रहा है ठेकेदार द्वारा सप्लायर की भूमिका का नाम देकर निर्माण सामग्री देने का हवाला दिया जाता है लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि ग्राम प्रधान व सचिव कमीशनखोरी करते हुए दूर हो जाते हैं फिर ठेकेदार अपनी मनमानी करते हुए मानक विहीन कार्य कराता है वहीं कमीशनखोरी के चलते ग्राम प्रधान व सचिव कुछ बोल नहीं पाते हैं l
जब शिकायत कर्ताओं द्वारा ग्राम पंचायतों में हुए विकास कार्यों की शिकायत की जाती है व शिकायत पर जांच बैठती है तो ग्राम प्रधान व सचिव के लिए गले की फांस बन जाती है व सप्लायर दूर बैठकर तमाशा देखते हुए नजर आता है l
ग्राम पंचायतों के विकास कार्यों में ठेकेदारों द्वारा मनरेगा योजना में इंटरलॉकिंग खडंजा निर्माण, पुलिया निर्माण, डब्ल्यू बी एम रोड़ निर्माण व विद्यालयों के मरम्मती करण आदि कार्यों में घोर धांधली की जाती है वहीं ठेकेदारों द्वारा तय मानक से ज्यादा का स्टीमेट बनाकर सरकारी धन की लूट की जाती है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."