जीशान मेंहदी की रिपोर्ट
लखनऊ, उत्तर प्रदेश में 18वीं विधानसभा के गठन के इंतजार की घड़ी अब कुछ घंटों खत्म होने वाली है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में सात चरणों के मतदान के बाद आज परिणाम घोषित होने जा रहे हैं। भारत निर्वाचन आयोग ने मतगणना की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। सभी मतगणना केन्द्र पर पर्यवेक्षक, मतगणना कर्मी, केन्द्रीय सुरक्षा बल तथा प्रत्याशी पहुंचे हैं। सभी को तो अब बस वोट की गिनती के शुरू होने का इंतजार है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में 4442 प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरे। इनमें 560 महिलाएं हैं। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सभी 75 जिलों में 403 विधान सभा सीटों की गिनती 84 केन्द्रों पर सुबह आठ बजे से शुरू हो जाएगी। सबसे पहले पोस्टल बैलट व सर्विस मतों की गणना होगी। इसके बाद ठीक 8:30 बजे से ईवीएम की गिनती शुरू होगी। शुरुआती रुझान सुबह नौ बजे से आने शुरू हो जाएंगे। दोपहर तक पूरी तस्वीर साफ हो जाएगी।
मतगणना के लिए प्रदेश के सभी 75 जिलों सहित 84 कुल मतगणना केन्द्र बनाए गए हैं। इनमें सर्वाधिक पांच आगरा में हैं। इनके अलावा अमेठी, अम्बेडकरनगर, देवरिया, मेरठ व आजमगढ़ में दो-दो तथा शेष 69 जिलों में एक-एक मतगणना केन्द्र बनाये गये हैं। विधान सभा सामान्य निर्वाचन-2022 की मतगणना के लिए सभी 403 विधान सभा में एक-एक प्रेक्षक तैनात हैं। भारत निर्वाचन आयोग ने मतगणना के पर्यवेक्षण के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी दिल्ली, डा. रणवीर सिंह को मेरठ में एवं मुख्य निर्वाचन अधिकारी बिहार एचआर श्रीनिवास को वाराणसी में तैनात किया गया है। इसके साथ निर्वाचन आयोग के निर्देश पर प्रदेश के सभी मतगणना केन्द्र एवं उसकी परिधि के बाहर अनुमन्य दूरी तक थ्री टियर सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की गयी है। इसके आंतरिक घेरे में अर्द्ध सैनिक बलों की तैनाती है।
प्रदेश में 2017 के विधानसभा चुनाव में 403 सीट में से भारतीय जनता पार्टी को 312, समाजवादी पार्टी को 47, बहुजन समाज पार्टी को 19, अपना दल (एस) को नौ, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी को चार, निर्दलीय को तीन तथा निषाद पार्टी व राष्ट्रीय लोकदल को एक-एक सीट मिली थी।
प्रत्येक विधान सभा सीट की गिनती के लिए लगती हैं 14 टेबल : प्रत्येक विधान सभा सीट की गिनती के लिए 14 टेबल लगाई जाती हैं। अपवाद स्वरूप कुछ विधान सभा सीटों पर जहां पोलिंग बूथ की संख्या अधिक होती है वहां रिटर्निंग अफसर चुनाव आयोग से अनुमति लेकर टेबल बढ़ा लेते हैं। यानी प्रत्येक चरण में 14 ईवीएम की गिनती एक साथ होगी। मतगणना स्थल पर रिटर्निंग अफसर यानी आरओ के अलावा प्रत्याशी, चुनाव एजेंट, मतगणना एजेंट समेत कई अन्य अधिकारी रहेंगे।
आरओ टेबल पर गिने जाएंगे पोस्टल बैलट : पोस्टल बैलट व सर्विस वोट आरओ टेबल पर गिने जाएंगे। इस बार पोस्टल बैलट की अधिक संख्या को देखते हुए प्रत्येक विधान सभा क्षेत्र में दो-दो टेबल आरओ की लगाई गईं हैं। कुछ जगह इनकी संख्या तीन भी की गई है। यानी प्रत्येक विधान सभा में गिनती के लिए 14 टेबल के अलावा दो आरओ टेबल लगाई गईं हैं। इनमें दो सहायक रिटर्निंग अफसर तैनात किए गए हैं। प्रत्येक टेबल पर मतगणना पर्यवेक्षक, एक माइक्रो आब्जर्वर, एक मतगणना सहायक व एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रहेंगे। प्रत्येक विधान सभा के लिए तीन-तीन टेबल के मतगणना पार्टियों को रिजर्व में रखा गया है।
करीब तीन मिनट में होती है एक ईवीएम से गिनती : प्रत्येक बूथ पर करीब 1200 मतदाता होते हैं। मतदान यदि 60 प्रतिशत हुआ है तो 720 मत यदि 70 प्रतिशत हुआ है तो 840 मत पड़ते हैं। प्रत्येक ईवीएम से मतों की गिनती में करीब तीन मिनट का समय लगता है। इस तरह से 14 टेबल पर एक राउंड में करीब 10 से 11 हजार मतों की गिनती हो जाएगी। प्रत्येक चरण के प्रत्याशियों के मत ब्लैक बोर्ड पर भी लिखे जाएंगे साथ ही लाउडस्पीकर से इसकी घोषणा भी की जाएगी।
एक चरण में लगते हैं 15 मिनट : सभी 14 टेबल पर मौजूद मतगणना कर्मी हर राउंड में फार्म 17-सी भरकर मतगणना एजेंट से हस्ताक्षर के बाद आरओ को देते हैं। आरओ हर राउंड में मतों की गिनती दर्ज करते हैं। प्रत्येक चरण की गिनती पूरी होने के बाद चुनाव अधिकारी दो मिनट का इंतजार करते हैं ताकि किसी उम्मीदवार को कोई आपत्ति हो तो वो दर्ज करा दें। यानी प्रत्येक चरण की पूरी प्रक्रिया में करीब 15 मिनट का समय लगेगा।
वर्ष 2017 में प्रमुख दलों के नतीजे
पार्टी सीट मत प्रतिशत
भाजपा 312 39.67
सपा 47 21.82
बसपा 19 22.23
अपना दल 09 0.98
कांग्रेस 07 6.25
सुभासपा 04 0.70
निषाद पार्टी 01 0.62
रालोद 01 1.78
Author: samachar
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