कंचन सिंह की रिपोर्ट
लखनऊ: बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय (BBAU) के कुलपति प्रो. संजय सिंह और उनकी टीम पोस्टर विवाद को हल करने में असफल साबित हुई। विश्वविद्यालय परिसर बीते चार दिनों से पोस्टर विवाद में फंसा है, लेकिन अभी कोई हल नहीं निकल सका है। इसी बीच शनिवार को एक वीडियो सामने आया है। इसमें विश्वविद्यालय के प्रोफेसर व सिक्योरिटी इंचार्ज प्रो. गजानन पांडेय दावा कर रहे हैं कि विवादित पोस्टर के बारे में उनके पास सारी जानकारी थी। वीडियो में वो खुद स्वीकार कर रहे हैं कि कैम्पस में विवादित पोस्टर लगाए जाने के संबंध में सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें जानकारी दी थी। गार्ड ने पोस्टर भी दिखाए थे। पूरी जानकारी के बाद भी वो चुप रहे, जिसके बाद अगले दिन से ही विवाद खड़ा हो गया।
ये है विवाद
ज्ञात हो कि अंबेडकर यूनिवर्सिटी दलित स्टूडेंट्स यूनियन की तरफ से विश्वविद्यालय परिसर में कुछ पोस्टर लगये गए थे। इन पोस्टर में हिन्दू देवी-देवताओं को लेकर टिप्पणी की गई है।
जानकारों की मानें तो 14 अक्टूबर 1956 को नागपुर में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने अपने लाखों समर्थकों के साथ बौद्ध धर्म ग्रहण किए थे। इस मौके पर उन्होंने जो 22 प्रतिज्ञाएं लीं, उससे हिंदू धर्म और उसकी पूजा पद्धति को उन्होंने पूर्ण रूप से त्याग दिया। उनकी इन 22 प्रतिज्ञाओं को पोस्टर के रूप में बीबीएयू कैंपस में लगाया गया है. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने इसको लेकर आपत्ति जतायी थी।
बीबीएयू में बीते मंगलवार को महाशिवरात्रि के दिन परिसर में कुछ छात्रों की तरफ से एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इसमें, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के साथ संघ के पदाधिकारी भी मौजूद थे। कार्यक्रम सुबह करीब 9 बजे के आसपास विश्वविद्यालय परिसर में गेस्ट हाउस के पास बने शिवमंदिर में हुआ था। कार्यक्रम में कई शिक्षक भी शामिल हुए थे। मंगलवार की देर रात को ही विश्वविद्यालय परिसर में कुछ पोस्टर लगवाए गए। यह पोस्टर यूनिवर्सिटी के दलित स्टूडेंट्स यूनियन की तरफ से लगवाए गए। इस पोस्टर में 1956 नागपुर में बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर द्वारा बौद्ध धर्म अपनाते हुए दिलवाई गई 22 प्रतिज्ञाओं को लिखा गया था।
अगले दिन बुधवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने इन पोस्टर्स को लेकर आपत्ति दर्ज कराई। कुलपति प्रो. संजय सिंह के कार्यालय में विरोध प्रदर्शन किया गया। इस दौरान कुलपति गायब हो गए, उनकी ओर से कार्यवाहक प्रॉक्टर प्रो. संजय कुमार और सिक्योरिटी इंचार्ज प्रो. गजानन पांडेय वार्ता करने पहुंचे। वार्ता के बाद कुछ जगहों पर लगाए गए पोस्टर हटवा दिए गए। पोस्टर हटाने पर दलित स्टूडेंट्स यूनियन के छात्र भड़क उठे। उन्होंने शाम को ही विरोध शुरू कर दिया। इसके बाद चार दिनों से लगातार विवाद चल रहा है और बढ़ता जा रहा है, लेकिन अभी कोई हल नहीं निकल सका है।
इसके बाद शनिवार को यह वीडियो सामने आ गया। हालांकि यह वीडियो बुधवार का बताया जा रहा है। वीडियो में प्रोफेसर व इंचार्ज सिक्युरिटी प्रो. गजानन पांडेय और कार्यवाहक प्रॉक्टर प्रो. संजय कुमार कुछ छात्रों से बात करते नजर आ रहे हैं। इसमें प्रो. गजानन पांडेय खुद स्वीकार कर रहे हैं कि गार्ड ने शाम 7.30 बजे उन्हें सूचना दी थी कि बच्चे पोस्टर लगा रहे हैं। प्रो. पांडेय कहते हैं कि उन्होंने खुद कहा कि पोस्टर लगाने दो। वहीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने पोस्टर विवाद खड़ा कर कुलपति कार्यालय पर धरना दिया। इनके दवाब में आकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने कुछ पोस्टर फड़वाए भी। लेकिन जब दूसरा पक्ष विरोध में उतर आया तो एबीवीपी के छात्र गायब हो गए।
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."