विवेक चौबे की रिपोर्ट
रांचीः झारखंड सरकार ने किसानों का कृषि ऋण माफ करने का निर्णय लिया था. इस निर्णय के आलोक में 1 फरवरी 2021 से कृषि ऋण माफ करने की शुरुआत की गई। लेकिन कोरोना संक्रमण में विपरीत परिस्थिति के बावजूद 3.74 लाख किसानों के 1496 करोड़ रुपये कृषि ऋण माफ किए गए हैं। उक्त जानकारी मंगलवार को कृषि निदेशक निशा उरांव ने दी है।
निशा उरांव ने बताया कि झारखंड में ऋण माफी ई-गवर्नेंस मॉडल पर आधारित है। यह मॉडल पेपरलेस होने के साथ साथ लाभुकों से किसी प्रकार का दस्तावेजों की मांग नहीं की जाती है। उन्होंने कहा कि एक साल एक महीने में कृषि ऋण माफी योजना के तहत 1496 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। इस वित्तीय वर्ष के लिए 2000 करोड़ रुपये आवंटन किए गए थे, जिसमें 75 प्रतिशत राशि खर्च किए गए हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण दो माह लॉकडाउन था और दो माह सिस्टम में तकनीकी त्रुटि थी। चार माह लगभग काम बंद हो गया था। इसके बावजूद 75 प्रतिशत का लक्ष्य हासिल किया गया है।
कृषि निदेशक ने कहा कि 8 से 10 हजार किसानों का बैंक विवरणी गलत अपलोड किया गया था, जिससे ऋण माफी फेल हो था। अब बैंक की ओर से गड़बड़ी को दुरुस्त कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि ऋण माफी पोर्टल पर बैंक विवरण अपलोड करते हैं। अब तक 6 लाख किसानों का विवरण पोर्टल पर अपलोड हो चुका है. इसमें आधार कार्ड और राशन कार्ड नंबर जरूरी है। आधार कार्ड से सही लाभुक की पहचान की जाती है।
Author: samachar
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