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23 February 2025 4:42 am

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प्रशासनिक नियमों को ताक पर रख बेखौफ चल रही बिलहरका बालू खदान, ओवरलोड डंपरों से जनजीवन अस्त-व्यस्त

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संतोष कुमार सोनी के साथ सुशील कुमार मिश्रा की रिपोर्ट

बांदा। थाना नरैनी क्षेत्र के करतल चौकी अंतर्गत केन नदी में संचालित बिलहरका बालू खदान में प्रशासनिक नियमों की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। खदान संचालकों द्वारा बड़े-बड़े दैत्याकार मशीनों से खनन किया जा रहा है, जिससे न केवल पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है, बल्कि इस क्षेत्र के लोगों की सुरक्षा भी खतरे में पड़ गई है।

ओवरलोड डंपरों की बेलगाम दौड़, लोगों की जिंदगी पर खतरा

इस खदान से बालू लेकर जाने वाले ओवरलोड डंपर और ट्रक दिन-रात अनियंत्रित गति से कस्बे की सड़कों पर दौड़ते हैं। यह स्थिति मुख्य बाजार में आए दिन दुर्घटनाओं का कारण बन रही है। खासकर भीड़भाड़ वाले इलाकों में इन भारी वाहनों की बेकाबू आवाजाही से स्थानीय लोग खौफ में जीने को मजबूर हैं।

इतना ही नहीं, इस खदान से न केवल बांदा जनपद बल्कि सीमावर्ती मध्य प्रदेश की बालू खदानों से भी भारी मात्रा में ओवरलोड वाहनों की आवाजाही हो रही है। इन भारी वाहनों के कारण उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश को जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग भी क्षतिग्रस्त हो रहा है। इसके बावजूद, प्रशासन इस गंभीर मुद्दे पर कोई ठोस कदम उठाने को तैयार नहीं दिख रहा।

बिलहरका स्कूलों के बच्चों पर मंडरा रहा खतरा

सबसे गंभीर समस्या प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालय बिलहरका के पास से गुजरने वाले बालू से लदे ओवरलोड ट्रकों को लेकर है। इन भारी वाहनों के कारण स्कूल परिसर में लगातार धूल और प्रदूषण फैल रहा है, जिससे मिड-डे मील का भोजन दूषित हो रहा है और बच्चों की सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है।

हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि खदान संचालक ने अपनी करतूतों को छिपाने के लिए स्कूल के आसपास कपड़े के पर्दे लगा दिए हैं, ताकि उनकी मनमानी पर कोई सवाल न उठाए। यह दिखावटी उपाय असल समस्या का समाधान नहीं करता, बल्कि यह दर्शाता है कि ठेकेदार कानूनी नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए मनमानी करने पर उतारू हैं।

खनिज विभाग और प्रशासन बना मूकदर्शक

खनिज विभाग और अन्य संबंधित प्रशासनिक अधिकारी इस अव्यवस्था को नजरअंदाज कर रहे हैं। अवैध खनन और ओवरलोड वाहनों की बेलगाम दौड़ से हो रहे नुकसान के बावजूद प्रशासन ने अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। स्थानीय लोगों का कहना है कि खनिज विभाग और अन्य संबंधित अधिकारी मलाई खाने में व्यस्त हैं और आम जनता की परेशानियों से उन्हें कोई सरोकार नहीं है।

स्थानीय लोगों की मांग: अवैध खनन पर हो कार्रवाई

इस गंभीर स्थिति को देखते हुए स्थानीय लोगों ने शासन-प्रशासन से मांग की है कि बिलहरका बालू खदान की मनमानी पर तुरंत लगाम लगाई जाए और नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाए। इसके अलावा, ओवरलोड वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाई जाए ताकि आम लोगों को इस भीषण समस्या से निजात मिल सके।

बिलहरका खदान से जुड़े इस अवैध खनन और प्रशासनिक लापरवाही का मुद्दा अब गंभीर जनसमस्या बन चुका है। यदि जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो यह क्षेत्र गंभीर पर्यावरणीय और सामाजिक संकट का शिकार हो सकता है।

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