कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद में कराए जा रहे सर्वेक्षण के दौरान रविवार को स्थिति अचानक हिंसक हो गई। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने इस कार्रवाई का विरोध करते हुए उग्र प्रदर्शन किया, जिसके दौरान पथराव, आगजनी और पुलिस पर हमले की घटनाएं हुईं। हिंसा में अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है और 24 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
घटना का विवरण
रविवार सुबह, प्रशासनिक टीम जामा मस्जिद का सर्वेक्षण करने पहुंची। इस कार्रवाई को देखकर बड़ी संख्या में मुस्लिम लोग विरोध में सड़कों पर उतर आए और जमकर पथराव किया। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया, लेकिन उग्र भीड़ ने तीन घंटे तक पत्थरबाजी जारी रखी।
स्थिति को काबू में करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया। एक वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि पुलिसकर्मी, उपद्रवियों को तितर-बितर करने के लिए हवा में फायरिंग कर रहे हैं। इसके साथ ही, कुछ पुलिसकर्मी आत्मरक्षा के लिए पत्थर फेंकते भी नजर आए।
पुलिस पर हमला और गिरफ्तारियां
हिंसा के दौरान दो महिलाओं को गिरफ्तार किया गया, जो छत से पुलिस पर पत्थर फेंक रही थीं। इस दौरान पुलिस पर पथराव इतना तीव्र था कि कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। हिंसा के दौरान सीओ अनुज चौधरी को भी गोली लगी, हालांकि उनकी स्थिति अब स्थिर बताई जा रही है।
तीन लोगों की मौत
इस हिंसा में तीन मुस्लिम युवकों की मौत हो गई। मृतकों की पहचान रूमान खान (42), बिलाल (30), और नईम (25) के रूप में हुई है। तीनों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।
स्थिति पर नियंत्रण
पुलिस ने हालात को काबू में करने के लिए लाठीचार्ज और हवाई फायरिंग का सहारा लिया। भारी पुलिस बल की तैनाती के बाद स्थिति पर नियंत्रण पाया गया। कट्टरपंथियों की भीड़ को तितर-बितर करने के दौरान कई लोग “अल्लाह-अल्लाह” कहते हुए भागते नजर आए।
इलाके में तनावपूर्ण माहौल
घटना के बाद से संभल में माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है। पुलिस और प्रशासन की टीम लगातार इलाके में गश्त कर रही है। संवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं।
प्रशासन का बयान
संभल के एसपी ने बताया कि हिंसा के दौरान हुई मौतों और पुलिसकर्मियों पर हमले की जांच की जा रही है। उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जो वीडियो और अन्य सबूत मिले हैं, उनके आधार पर दोषियों को चिह्नित किया जा रहा है।
यह घटना प्रशासन और स्थानीय समुदाय के बीच संवादहीनता की ओर इशारा करती है। जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान हुई इस हिंसा ने कानून-व्यवस्था की गंभीर चुनौती खड़ी कर दी है। पुलिस द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई ने स्थिति को नियंत्रण में लाने में मदद की, लेकिन घटना ने इलाके में अशांति और भय का माहौल पैदा कर दिया है। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि कानून का पालन करवाने और शांति बहाल करने के लिए हरसंभव कदम उठाए जाएंगे।