हरीश चन्द्र गुप्ता की रिपोर्ट
14 जुलाई 2024 को छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के चक्रधर नगर थाना क्षेत्र के चिटकाकानी गांव में एक महिला के ‘सती’ होने की घटना की खबर सामने आई है। इस घटना की तुलना 1987 में राजस्थान के दिवराला गांव में रूप कंवर के सती होने से की जा रही है।
जयदेव गुप्ता का निधन और अंतिम संस्कार
जयदेव गुप्ता, जो लंबे समय से कैंसर से पीड़ित थे, का 14 जुलाई को निधन हो गया। उनके परिजनों ने उसी शाम उनका अंतिम संस्कार किया। रात में, उनकी पत्नी गुलाबी बाई अचानक लापता हो गईं। परिजनों और ग्रामीणों ने काफी खोजबीन की, लेकिन गुलाबी बाई का कोई पता नहीं चला।
सती होने का दावा
गुलाबी बाई के परिवार ने दावा किया कि वह अपने पति की चिता में कूदकर ‘सती’ हो गई हैं। परिजनों ने बताया कि जब वे चिता के पास गए, तो वहां गुलाबी बाई की साड़ी और चप्पलें मिलीं। इस परिजनों के अनुसार, चिता की आग ठंडी हो चुकी थी, लेकिन रात में अचानक से चिता में आग दहकती हुई देखी गई, जिससे आत्मदाह का संदेह हुआ।
पुलिस जांच
जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आकाश मरकाम ने बताया कि पुलिस ने लापता होने का केस दर्ज किया है और फॉरेंसिक विभाग के दल और चिकित्सकों ने अंतिम संस्कार स्थल से नमूने एकत्रित किए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि किसी ने गुलाबी बाई को चिता में कूदते हुए नहीं देखा है, इसलिए पुलिस हर संभव पहलू से मामले की जांच कर रही है।
ग्रामीणों की प्रतिक्रिया
कुछ ग्रामीणों का कहना है कि अंतिम संस्कार के बाद जब वे अपने घर लौटे थे, तब चिता की आग ठंडी हो चुकी थी। लेकिन रात में चिता को दहकते हुए देखा गया, जिससे आत्मदाह की आशंका बढ़ गई।
इस घटना ने एक बार फिर से ‘सती’ प्रथा की भयावहता को सामने लाया है और इसे लेकर समाज और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच चर्चा को जन्म दिया है। पुलिस की जांच और फॉरेंसिक रिपोर्ट के बाद ही सही तथ्य सामने आ सकेंगे।
यह मामला सिर्फ एक पारिवारिक त्रासदी नहीं, बल्कि एक सामाजिक मुद्दा भी है, जिसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए।
Author: samachar
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