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यूपी के इन पहले चरण में किसका पलड़ा होगा भारी? क्या है इलाके का समीकरण… पढिए पूरी खबर

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अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट

लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections 2024) के पहले चरण का आज मतदान हो रहा है। उत्तर प्रदेश में पहले चरण में 8 सीटों पर वोट डाले जा रहे हैं। 

पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जिन 8 सीटों पर वोट डाले जा रहे हैं, 2019 में इनमें से पांच सीटें सपा-बसपा-रालोद गठबंधन के पास थीं। हालांकि, 2024 के लोकसभा चुनावों में अब यह गठबंधन अस्तित्व में नहीं है। 2019 के गठबंधन वाली पार्टियां अब अलग होकर चुनाव मैदान में है या नए गठबंधन के साथ हैं। ऐसे में इस बात को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि अबकी बार ये सीटें किसके खाते में जा सकती हैं? ये सीटें अबकी बार एनडीए के खाते में जाएंगी या इंडिया ब्लॉक के पास जाएंगी या बसपा यहां से जीत दर्ज करेगी?

पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जिन आठ सीटों पर वोटिंग हो रही है, उनमें बिजनौर, कैराना, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, नगीना, पीलीभीत, रामपुर और सहारनपुर सीटें शामिल हैं। 

सहारनपुर में NDA और INDIA के बीच टक्कर

इनमें से सहारनपुर लोकसभा सीट फिलहाल बसपा के पास है। यहां से बसपा के हाजी फजलुर्रहमान सांसद हैं। बसपा के फजलुर्रहमान पिछली बार सपा-बसपा और रालोद के गठबंधन की वजह से जीते थे। लेकिन अबकी बार यहां सीधी लड़ाई एनडीए और इंडिया ब्लॉक के बीच है। इंडिया ब्लॉक में यह सीट कांग्रेस के खाते में गई है और कांग्रेस इमरान मसूद मैदान में हैं। भाजपा से राघव लखनपाल और बसपा से माजिद अली चुनाव मैदान में हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में राजपूत कम्यूनिटी ने भाजपा को वोट नहीं देने की अपील की है। ऐसे में माना जा रहा है कि कांग्रेस प्रत्याशी इमराम मसूद का पलड़ा भारी रह सकता है।

पीलीभीत में जितिन प्रसाद व भगवत शरण गंगवार में सीधी लड़ाई

पीलीभीत सीट भाजपा के कब्जे वाली सीट है। 2019 में इस सीट से भाजपा के वरुण गांधी चुनाव जीते थे, लेकिन अबकी बार भाजपा ने वरुण का टिकट काटकर राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री जितिन प्रसाद को प्रत्याशी बनाया है। वहीं सपा ने भगवत शरण गंगवार को मैदान में उतारा है। एंटी इनकंबेंसी से बचने के लिए भाजपा ने प्रत्याशी बदला था, लेकिन भगवत शरण गंगवार इस सीट पर कांटे की टक्कर दे रहे हैं। 

कैराना में इकरा हसन और प्रदीप चौधरी में है लड़ाई

कैराना में भाजपा ने हिंदुओं के पलायन का मुद्दा उठाकर इस सीट को सुर्खियों में ला दिया था। इस सीट पर मुस्लिम आबादी काफी अधिक है। 2004 में यह सीट रालोद के पास थी। 2009 में इस सीट पर बसपा को जीत मिली थी। 2014 और 2019 से लगातार दो बार से भाजपा के खाते में यह सीट जा रही है। लेकिन अबकी बार सपा की इकरा हसन और भाजपा के प्रदीप चौधरी के बीच कांटे की टक्कर देखी जा रही है। 

मुजफ्फरनगर में संजीव बालयान की किस्मत दांव पर

मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट पर दो बार से लगातार संजीव बालयान चुनाव जीत रहे हैं। संजीव बालयान केंद्र सरकार में मंत्री हैं। इन्होंने रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी अजीत सिंह के हराया था। हालांकि, अबकी बार यहां से सपा के हरेंद्र मलिक भाजपा के संजीव बालयान के बड़ी टक्कर दे रहे हैं।  

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