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मऊ

मुख्तार की मुख्तारी में कील ठोंक कर उसके आर्थिक साम्राज्य को तहस-नहस करने वाले इस अधिकारी को पहचानिए

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जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट

मऊ जिले के तत्कालीन SP अनुराग आर्य ने माफिया डॉन मुख्तार अंसारी पर ऐसी कड़ी कार्रवाई करी कि उसकी पूरी सल्तनत को मिट्टी में मिला कर रख दिया।

साल 2019 से 2020 तक मऊ में एसपी के पद पर रहते हुए आईपीएस अनुराग आर्य ने मुख्तार अंसारी के गैंग पर कड़ी कार्रवाई की। उन्होंने जिले में चल रहे अवैध बूचड़खाने बंद करवाए और साथ ही अंसारी की गैंग के 26 लोगों के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई की। उन्होंने अंसारी के खास शूटर अनुज कनौजिया के घर को भी बुलडोजर से ढहा दिया था।

माफिया डॉन मुख्तार अंसारी भले ही चला गया लेकिन उसके आतंक के किस्से लोगों की जुबान पर रहेंगे, ऐसे में उस पुलिस अधिकारी की भी चर्चा करना लाजिमी हो जाता जिसने मुख्तार के मुख्तारी में कील ठोकने का काम किया।

मुख्तार अंसारी की प्रदेश में फैली अपराध की जड़ों को काटने वाले युवा आईपीएस अधिकारी अनुराग आर्य भी इन दिनों चर्चा में है।

मुख्तार अंसारी के काले धंधे पर अंकुश लगाने के लिए इनका नाम खूब चर्चा में रहा है। जब मुख्तार अंसारी की प्रदेश में तूती बोलती थी, तब आईपीएस अनुराग आर्य ने मऊ जनपद की कमान 2019 से 20 में संभाली। 

मऊ जनपद सहित पूर्वांचल के कई जिलों में मुख्तार अंसारी ने अपराध की वो जड़ें फैला रखी थी, जिसे काटना नामुमकिन था।

तब मऊ जनपद में अवैध बूचड़खानों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए कुल 26 लोगों पर गैंगस्टर एक्ट में कारवाई की थी। इसी क्रम में सरकार ने भरोसा दिखाते हुए मऊ जनपद के बाद फिर पूर्वांचल के सबसे बड़े जिले आजमगढ़ की कमान भी आईपीएस अनुराग आर्य को सौंप दी। 

बताया जाता है, जिस तरह गाजीपुर, मऊ, जौनपुर अन्य जगहों पर मुख्तार अंसारी का गैंग एक्टिव था, उसी तरह आजमगढ़ में भी उसने काफी वर्चस्व बना रखा था। अपने काले धंधों को वहीं से संचालित करता था।

बताया जाता है कि मुख्तार अंसारी जेल में रहते हुए भी कई बार घटनाओं को अंजाम देने में सफल रहा है। इस दौरान अनुराग आर्य को कई बार सरकार ने पूर्वांचल के इन्हीं महत्वपूर्ण जिलों की जिम्मेदारी सौंपी। 

सबसे पहले मऊ में फैले मुख्तार के आर्थिक साम्राज्य को भी इन्होंने ही खत्म किया था। आजमगढ़ जिले की कमान संभालने के बाद भी मुख्तार अंसारी से आईपीएस अनुराग आर्य की दूरी नहीं बन सकी। एक बार फिर वो आमने-सामने हो गए।

2014 में हुए मजदूर हत्याकांड के बाद जुलाई 2023 में मुख्तार और उसके गुर्गों के खिलाफ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से गवाही हुई। इसमें पेशी के दौरान माफिया ने वकील से गवाहों की फोटो मांगी थी। साथ ही गवाह को भी धमकी दी थी। इस मामले में पीड़ित गवाह अशोक सिंह ने आजमगढ़ जिले के एसपी अनुराग आर्य से न्याय की गुहार लगाई थी। 

इसके बाद आईपीएस अनुराग आर्य के निर्देश पर शहर कोतवाली में माफिया मुख्तार अंसारी के खिलाफ जान से मारने की धमकी देने का एक और मुकदमा दर्ज किया गया था।

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samachardarpan24
Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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