चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
उन्नावः उन्नाव जिले के बारासगवर क्षेत्र में रविवार को पंखे में उतरे करंट की चपेट में आने से चार सगे भाई-बहनों की मौत हो गई। पुलिस क्षेत्राधिकारी (नगर) आशुतोष कुमार ने बताया बारासगवर थाना क्षेत्र के लालमन खेड़ा गांव के निवासी वीरेंद्र कुमार के घर के बरामदे में एक फर्राटा पंखा रखा था और शाम करीब पांच बजे बरामदे में खेलते हुए उसके एक बच्चे ने पंखे को छू लिया और वह पंखे में उतरे करंट की चपेट में आ गया। उन्होंने बताया कि करंट की चपेट में आये बच्चे को बचाने आये उसके तीन अन्य भाई-बहन भी करंट की चपेट में आ गये और इस घटना में चारों बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई।
करंट की चपेट में कैसे आए बच्चे
बताया गया कि घर में वायरिंग नहीं थी तो अर्थिंग की व्यवस्था की गई थी। जिस फर्राटा पंखे से बच्चों को करंट लगा, वह काफी पुराना था और पूरा लोहे का बना था। फिलहाल, जो फर्राटा पंखे बनाए जाते हैं उनमें प्लास्टिक का भी इस्तेमाल किया जाता है लेकिन यह पंखा पूरी तरह से लोहे का बना था। यही कारण है कि पंखे में करंट उतरा और नंगे पैरों से बच्चों से जैसे ही स्पर्श हुआ, वे करंट की चपेट में आ गए और उनकी मौत हो गई।
परिवार में चीख-पुकार
आशुतोष कुमार ने कहा कि मृतक बच्चों के नाम मयंक (9), हिमांशी (8), हिमांक (6) और मानसी (5) हैं। सभी सगे भाई-बहन थे। बच्चों की मौत के बाद परिवार में कोहराम मच गया। पिता वीरेंद्र बच्चों का शव देखकर छाती पीट-पीटकर रोने लगे। मां शिव देवी बार-बार बेहोश हो जा रही थीं। होश में आते ही वह बार-बार कह उठतीं कि सारे बच्चे साथ छोड़कर चले गए। अब हम किसके सहारे जियेंगे। मां का यह करुण क्रंदन वहां मौजूद हर किसी का हृदय चीर देता था। जानकारी के मुताबिक, वीरेंद्र का परिवार काफी गरीब है और उनके घर में एक पक्की छत भी नहीं है।
उनके सौभाग्य योजना के तहत बिजली कनेक्शन हुआ था लेकिन घर के अंदर वायरिंग नहीं की गई थी। गांव के लोगों ने बताया कि मयंक से बिना चप्पल पहने पंखा छू गया, जिससे वह करंट की चपेट में आ गया। उसे बचाने के लिए बाकी भाई-बहन भी पहुंचे लेकिन वे भी उसकी चपेट में आ गए। चारों की मौत हो गई। सूत्रों ने बताया कि घटना के वक्त बच्चे ही घर पर मौजूद थे और उनके माता-पिता खेत में काम करने गये थे।
Author: samachar
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