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November 2, 2024 9:01 am

इतिहास में पहली बार जिले के किसी गांव में धारा-144 लगी ; सामूहिक हत्याकांड से सहमा हुआ इलाका

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इरफ़ान अली लारी की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के फतेहपुर गांव में हुए नरसंहार के आरोपियों की ओर से किए गए अवैध कब्जे की पैमाइश के दौरान सपाइयों का उग्र रूप देखकर गांव में बड़ी संख्या में फोर्स तैनात कर दी गई है। गांव में जाने वाले हर रास्ते पर पुलिस का बैरियर लगाया गया है। वज्र वाहन भी तैनात हैं। गांव में धारा-144 लगा दी गई है। देवरिया के इतिहास में पहली बार किसी गांव में धारा-144 लगी है। गांव में जाने वाले हर व्यक्ति का पहचान पत्र चेक किया जा रहा है। रात को भी पुलिस के जवान पहरा दे रहे हैं। 2 अक्टूबर को हुई हिंसा के आठ दिन बाद भी बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं।

रुद्रपुर कोतवाली क्षेत्र के फतेहपुर गांव के लेहड़ा टोला में जमीनी विवाद में सत्य प्रकाश दुबे के दरवाजे पर पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेमचंद यादव की हत्या हो गई। प्रतिशोध में उमड़ी भीड़ ने सत्य प्रकाश दुबे के परिवार के पांच लोगों की हत्या कर डाली। दोनों पक्षों से 33 नामजद और 50 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। इसके बाद जिले में भूचाल आ गया। शासन ने जमीन के विवाद को सुलझाने में लापरवाही बरतने वाले एक दर्जन पूर्व और वर्तमान अधिकारियों को निलंबित कर दिया। अब फतेहपुर गांव सियासत का केंद्र बन गया है।

पैमाइश के दौरान हुआ बवाल तो गांव की कर दी गई नाकेबंदी

 

इस घटना में शामिल आरोपियों के खिलाफ सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करने की शिकायत की गई थी, लेकिन प्रशासन की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। घटना के बाद जिला प्रशासन आरोपियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया। आरोपियों की ओर से किए गए अवैध कब्जे को खाली कराने के लिए सरकारी जमीनों की पैमाइश कराई गई। सोमवार को पैमाइश के दौरान सपाइयों और प्रेमचंद के समर्थकों की भारी भीड़ जुटी। पैमाइश के दौरान भीड़ नारेबाजी करने लगी। भीड़ का उग्र रूप देख अतिरिक्त फोर्स बुलानी पड़ी और गांव की नाकेबंदी कर दी गई है।

फतेहपुर गांव में लगी है धारा-144

 

पैमाइश के दौरान भीड़ का हंगामा देखकर गांव में धारा-144 लगा दी गई है। देवरिया शहर से लेकर फतेहपुर गांव तक हर चार किलोमीटर पर पुलिस का बैरियर लगाया गया है। हर बैरियर पर एक दर्जन से अधिक पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं। हर आने-जाने वाले पर कड़ी नजर रखी जा रही है और सभी का आधार कार्ड चेक किया जा रहा है। देवरिया जिले के इतिहास में शायद पहली बार एक गांव में धारा-144 लगाई गई है, क्योंकि जिलेभर में धारा-144 नहीं लगाई गई है। इससे दहशत और बढ़ गई है।

आठ दिन से स्कूल नहीं जा रहे हैं बच्चे

 

शायद पहली बार ऐसा हुआ है कि स्कूल खुले रहने के बाद दहशत के चलते आठ दिन तक बच्चे स्कूल न गए हों। लगातार आठ दिन तक स्कूल बंद रहा हो। हालांकि, वहां तैनात अध्यापक ड्यूटी पर रोज आ रहे हैं। गांव से पुरुष पलायन कर गए हैं। बुजुर्ग और महिलाएं ही घर पर बची हैं।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."