इरफान अली लारी की रिपोर्ट
देवरिया, भाटपार रानी आज दिनांक, 28,9,2023, दिन बृहस्पतिवार को भाटपार रानी में बहुत ही अकीकत के साथ हजारों की संख्या में बारह रवि अव्वल के दिन हजरत नबी मोहम्मद रसूलुल्लाह के जन्मदिन पर जलूसे मोहम्मदी निकल गया।
इस जुलूस से अमन और शांति का पैगाम मिला व इस जुलूस में जितने लोग शिरकत हुए थे सारे लोग चलते-चलते नारे लगाते रहे नबी की आमद मरहबा, सरकार की आमद मरहबा, दिलदार की आमद मरहबा, आका की आमद मरहबा, नबी की आमद मरहबा, मेरे नबी जब दुनिया में तशरीफ लाए तो बेसहारों का सहारा बने इसलिए हमारे नबी पर इस दुनिया के कोई भी ऐसा शय नहीं जो दरूदो सलाम ना पढ़े। सारे लोग हमारे नबी पर दरूदो सलाम पढ़ा करते थे यहां तक की चरिन्द और परिन्द भी सलाम पढ़ा करते थे। हमारे नबी जब दुनिया में आए तो दुनिया में खुशियां आई हमारे नबी दूसरों के लिए सहारा बनकर आए और दूसरों का सहारा बने। इसी पर किसी शायर ने एक शायर कहा मेरे नबी के जैसा दुनिया में ना कोई आया है ना कोई आएगा,,,
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मोहम्मदी जुलूस जामा मस्जिद भाटपार रानी से निकला गया व रतसिया रोड होते हुए शिव मंदिर के रास्ते स्टेशन रोड होते हुए बेलपार चौराहे तक ले गया गया और नारे लगाते रहे फिर धीरे-धीरे जुलूसे मोहम्मदी में चलते-चलते लोग जमा मस्जिद आए जब सारे लोग जमा मस्जिद में आ गए तो शिर्नी का फतिया हुआ और सलाम पढ़ा गया फिर शिर्नी बांटा गया। इसके बाद लोग गले मिले और अपने-अपने घरों के लिए चल पड़े।
इस जलुसे मोहम्मदी में जुलूस लेकर आए मेहरौना गांव, दुबौली गांव, बहियारी बघेल गांव, सोहनपार, लाखोंपार व भाटपार रानी के लोग मौजूद रहे इस मोहम्मदी जुलूस से अमन और शांति का मिसाल कायम हुआ व, इस जुलूस में पुलिस प्रशासन भी रहा चुस्त, और धीरे-धीरे सारे लोग अपने घर को तशरीफ ले गए।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."