फाजिल शेख की रिपोर्ट
करतल। स्थानीय जिम्मेदारों की लापरवाही से अपने पापी पेट की भूख मिटाने को सैकड़ों की संख्या में सड़कों पर भटकते गौवंश आये दिन या तो राहगीरों के दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं या फिर स्वयं दुर्घटनाओं का शिकार होकर दम तोड़ देते हैं। कुछ ऐसा ही नजारा आज चारों तरफ देखने को मिल भी रहा है। जबकि शासन प्रशासन की नजर में सारे अन्ना गौवंश गौशालाओं में ही संरक्षित हैं क्योंकि स्थानीय स्तर पर उन्हें यही आकडे दिखाए जाते हैं।जबकि हकीकत इसके उलट है।
अस्थायी गौशालाएं देखी जाए तो वहाँ हल्की वारिश में गौवंश के बैठना दूर खड़े होने लायक स्थान नहीं बचता। ऐसे में गौशाला में संरक्षित गौवंश गौशाला से बाहर निकाल दिए जाते हैं जो सबसे पहले किसानों की फसलों को चौपट करते हैं। इसके बाद सडक मे आ जाते है जंहा स्वयं दुर्घटना ग्रस्त हो जाते हैं य सडक दुर्घटनाओं का कारण बन जाते है।
बस ऐसी ही लापरवाही के चलते विगत रात्रि फिर किसी अज्ञात वाहन ने ब्लॉक नरैनी के ग्राम पुंगरी के पास एक गौवंश को बुरी तरह से कुचल दिया और अंधेरे का फायदा उठाते हुये मौके से भाग निकला। प्रातः जब स्थानीय लोगों ने बीच सड़क गौवंश को तड़पते हुये देखा तो तत्काल इसकी सूचना वि० हि०गौ रक्षा समिति नरैनी के नगर अध्यक्ष सोनू करवरिया एवं ब्लॉक अध्यक्ष सीताराम पटेल को दी जिन्होंने तुरंत पशु चिकित्सक से सम्पर्क कर अवगत कराया जिसका संज्ञान लेते हुये पशु चिकित्सक डा० अभिषेक ने तत्काल स्वास्थ्य टीम मौके पर भेजी। जिसमें एंबुलेंस टीम के पशु चिकित्सक डा० पुष्पेन्द्र कुमार, पशु मित्र आनंद विहारी राजपूत तथा प्रहलाद ने मौके पर पहुँच कर समुचित इलाज मुहैया कराया जबकि समाचार लिखे जाने तक गौवंश की हालत काफी गंभीर बनी हुयी है!
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."