दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
लखनऊ: माफिया मुख्तार अंसारी के करीबी संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की हत्या पश्चिमी यूपी में वर्चस्व कायम रखने को लेकर करवाई गई थी। अदालत को सौंपी गई चार्जशीट में पुलिस ने दावा किया है कि पश्चिमी यूपी के माफिया बदन सिंह बद्दो ने 50 लाख की सुपारी देकर कत्ल करवाया था। नेपाल के अपराधी असलम ने ही बदन सिंह की विजय यादव से मुलाकात करवाई थी। पुलिस ने जौनपुर निवासी विजय यादव को मुख्य आरोपित बनाने के साथ ही हत्या की साजिश रचने में बद्दो व असलम को भी आरोपित बनाया है।
मेरठ निवासी बदन सिंह बद्दो और मुजफ्फरनगर निवासी संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा का पश्चिम यूपी में खौफ था। जमीन कब्जे से लेकर अन्य आपराधिक मामलों में कई बार दोनों गैंग आमने-सामने हुए थे। बद्दो और जीवा के बीच भी कई बार टकराव हुआ था। कोर्ट में दाखिल चार्जशीट के मुताबिक जीवा को बद्दो अपने राह का रोड़ा मानने लगा था। इसी के चलते हत्या की साजिश रची। नेपाल में जौनपुर निवासी विजय यादव को 50 लाख रुपये में जीवा की सुपारी दी। शूटर विजय से मुलाकात भी नेपाल में वहीं के बदमाश असलम के माध्यम से हुई थी। वारदात के लिए विजय को असलहा भी बद्दो के गुर्गे ने ही मुहैया करवाया था। हालांकि असलहा मुहैया करवाने वाले का अब तक कुछ पता नहीं चल सका है।
150 लोगों के बयान, साक्ष्यों को बनाया आधार
पुराना हाई कोर्ट परिसर में 7 जून 2023 को एससी-एसटी कोर्ट में पेशी के दौरान जीवा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस दौरान एक महिला, उसकी बच्ची व पुलिसवाले भी घायल हुए थे। शासन ने मामले की जांच एसआईटी को सौंपी थी। एसआईटी के निर्देशन में स्थानीय पुलिस की टीम ने भी चार्जशीट तैयार की है। पुलिस ने जीवा के घरवालों, करीबियों, अधिवक्ताओं, हत्यारोपित विजय के करीबियों, घर वालों, घटनास्थल पर मौजूद लोगों, वारदात में घायलों के बयान दर्ज किए। इसके साथ ही इलेक्ट्रॉनिक एवीडेंस, सीसीटीवी फुटेज व 150 से अधिक अन्य लोगों के बयान को आधार बनाते हुए बदन सिंह बद्दो, नेपाल निवासी असलम को साजिश रचने और जौनपुर निवासी विजय को मुख्य आरोपित बनाकर चार्जशीट दाखिल की है।
पहले मुजफ्फरनगर में ठिकाने लगाने की थी तैयारी
पुलिस सूत्रों के अनुसार जांच के दौरान जीवा की तरफ से कोर्ट को भेजे गए एक पत्र की जानकारी हुई। इसमें उसने मुजफ्फरनगर में पेशी पर नहीं भेजने की गुजारिश की थी। आशंका जताई थी कि पेशी पर मुजफ्फरनगर जाने पर बदन सिंह के अलावा सुशील मुच्छ और उसका बेटा टोनी हत्या कर सकते हैं। पत्र के आधार पर जांच के दौरान पश्चिमी यूपी में वर्चस्व को लेकर दोनों गुटों की अदावत सामने आ गई। मुजफ्फरनगर के कई लोगों का बयान लेने पर पता चला कि बदन सिंह ने ही जीवा की हत्या की साजिश रची थी। मुजफ्फरनगर में काम नहीं होता देख लखनऊ में पेशी के दौरान ठिकाने लगाने की साजिश रची गई। असलम ने शूटर का इंतजाम किया और लखनऊ में मौजूद एक शख्स की मदद से वारदात करवाई थी। लिहाजा पुलिस ने वजीरगंज कोतवाली में दर्ज मुकदमे में बदन सिंह बद्दो, असलम व एक अज्ञात का नाम जोड़ते हुए आईपीसी 120बी की धारा बढ़ाकर चार्जशीट दाखिल की है।
मददगार का सुराग नहीं
पिछले करीब चार साल से फरार चल रहे बदन सिंह बद्दों की तलाश में जुटी पुलिस और जांच एजेंसियां अब तक कोई सुराग नहीं पा सकी हैं। वहीं, वॉन्टेड बदन ने नेपाल पहुंच परिचित असलम की मदद से विजय यादव से मुलाकात की और 50 लाख रुपये में हत्या की सुपारी दी थी। पेशगी के तौर पर कुछ रकम दी गई थी। पुलिस के अनुसार विजय को असलम ने ही लखनऊ पहुंचाया। इसके बाद एक शख्स ने वकील की ड्रेस और असलहा मुहैया करवाया। हालांकि पुलिस मददगार तक नहीं पहुंच सकी है। जांच में यह भी साफ हुआ है कि सात जून को पेशी पर आने के दौरान जीवा को बुलेट प्रूफ जैकेट भी पुलिस लाइंस से मुहैया करवाई गई थी। हालांकि गर्मी के चलते किसी के कहने पर जीवा ने उस दिन जैकेट नहीं पहनी थी।
यूपी के 66 माफिया की सूची में शामिल है बदन सिंह बद्दो
मेरठ के टीपी नगर थाना क्षेत्र के बेरी गांव का रहने वाला है। सात भाइयों में सबसे छोटा बदन पहले ट्रक ड्राइवर था। बाकी सभी भाइयों की मौत हो चुकी है। 5 लाख के इनामी बदन का नाम यूपी के 66 माफिया की सूची में दर्ज है। 1988 में पहला केस मेरठ में हत्या का दर्ज हुआ। गुदरी बाजार में राजकुमार की हत्या में नामजद हुआ था। 40 से अधिक हत्या, लूट, डकैती और सुपारी किलिंग के मुकदमे दर्ज हैं। पश्चिमी यूपी के अंडरवर्ल्ड में बद्दो को सुपारी किंग के नाम से जाना जाता है। 1996 में दिल्ली में वकील देवेंद्र की हत्या में आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा चुकी है। 28 मार्च 2019 को फर्रुखाबाद जेल से गाजियाबाद कोर्ट पेशी पर लाते समय पुलिसकर्मियों को शराब पिलाकर फरार हुआ था। कई देशों में मॉल, कॉम्प्लेक्स, होटल और अन्य कारोबार फैला चुका है। महंगे मोबाइल, कपड़े, जूते और पिस्तौल रखने का शौकीन है। विदेश में रहकर ही पश्चिमी यूपी में गैंग ऑपरेट करता है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."