अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट
भारत अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) आज सुबह 11:50 बजे सूर्य का अध्ययन करने के लिए अपना आदित्य-एल1 मिशन सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है। आदित्य एल1 मिशन चंद्रयान-3 मिशन के समान दृष्टिकोण अपनाएगा। यह सबसे पहले पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश करेगा और वहां से, यह तेजी से आगे बढ़ेगा। यह तब तक आगे जाएगा जब तक कि यह अंततः पृथ्वी और सूर्य के पहले लैग्रेंज बिंदु (एल 1) के आसपास अपनी अंतिम प्रभामंडल कक्षा के पथ पर नहीं आ जाता। ‘आदित्य एल1’ को सूर्य परिमंडल के दूरस्थ अवलोकन और पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर ‘एल1’ (सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंजियन बिंदु) पर सौर हवा का वास्तविक अवलोकन करने के लिए डिजाइन किया गया है।
PSLV C-57 ने आदित्य एल-1 को कक्षा में स्थापित किया
दित्य एल-1 सैटेलाइट को अलग कर दिया गया है। PSLV C-57 मिशन आदित्य एल-1 पूरा हुआ। PSLV C-57 ने आदित्य एल-1 उपग्रह को वांछित मध्यवर्ती कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया है।
आदित्य एल-1 के प्रक्षेपण के बाद, सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) शार, श्रीहरिकोटा में एकत्र हुए लोगों ने कहा, “हम इसे देखने के लिए मुंबई से आए हैं। यह हमारे लिए एक अविस्मरणीय क्षण था। यह (आदित्य एल-1) अद्भुत होगा। यह एक शानदार एहसास है कि हम नासा और अन्य जैसी अंतरिक्ष एजेंसियों को प्रतिस्पर्धा दे रहे हैं। हम वास्तव में उत्साहित हैं…”
पीएम मोदी ने इसरो को बधाई दी है. उन्होंने कहा कि ‘चंद्रयान-3 की सफलता के बाद भारत ने अपनी अंतरिक्ष यात्रा जारी रखी हैl भारत के पहले सौर मिशन, आदित्य -एल1 के सफल प्रक्षेपण के लिए, इसरो के हमारे वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को बधाईl संपूर्ण मानवता के कल्याण के लिए ब्रह्मांड की बेहतर समझ विकसित करने के लिए हमारे अथक वैज्ञानिक प्रयास जारी रहेंगे l
आदित्य-L1 की सफल लॉन्चिंग पर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने इसरो को बधाई दी l उन्होंने कहा कि यह भारत के लिए सनशाइन मूमेंट है. हम सभी का भाग्य है कि हम श्रीहरिकोटा में बनने वाले एक सफल इतिहास का हिस्सा हैं l भारत के पहले सौर मिशन के सफल प्रक्षेपण के लिए टीम #ISRO को बधाई. बता दें कि PSLV से अलग होकर आदित्य-L1 अपनी यात्रा पर निकल चुका है l
Author: samachar
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