सुशील कुमार तिवारी की रिपोर्ट
धानेपुर(गोंडा): पंचायती राज में कहीं सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन और जनसुविधाओं का सम्यक विकास के कारण आदर्श पंचायत बन रहे हैं तो कहीं सरकारी धन से पंचायत प्रधान और उनके लगुओं भगुओं की चांदी कट रही है।
दुलहापुर बनकट पंचायत के प्रधान का भी कुछ ऐसा ही करतब सामने आया है। न हो पाया कोई काम और पैसा पूरा का पूरा हो गया साफ। अगर ये बात हज़म कर लिया जाए तो स्वाभाविक सवाल ये उठता है कि आखिर इस गोलमाल में बिना किसी अधिकारी की सांठ-गांठ से पैसे की निकासी संभव हो सकता है क्या? आला अधिकारियों ने कैसे और किस प्रभाव में आकर काम हुए बिना पैसे की निकासी की कार्रवाई पूरी कर दी?
बिना इंटरलाकिंग कराए ही 2.06 लाख रुपये भुगतान का मामला प्रकाश में आया है। बीडीओ ने तत्कालीन सचिव से अभिलेख तलब किया है।
समाधान दिवस में शिकायत की जांच करने गये बीडीओ को दो वर्ष बाद भी इंटरलाकिंग की जगह चकरोड मिला। दो वर्ष बाद कार्य कराया जा रहा था।
दुलहापुर बनकट पंचायत प्रधान की काली करतूतों का पर्दाफाश, पढ़ने के लिए क्लिक करें
जांच के बाद बीडीओ ने तत्कालीन सचिव से अभिलेख तलब किया है। ग्राम पंचायत दुल्हापुर बनकट के ध्यान सिंह ने तहसील समाधान दिवस में प्रार्थनापत्र देकर कहा कि सामुदायिक शौचालय से पीडब्ल्यूडी रोड तक इंटरलाकिंग, पीडब्ल्यूडी पुलिया से भीखी के घर तक इंटरलाकिंग कार्य व पीडब्ल्यूडी रोड से ननके सिंह के खेत तक सीसी रोड निर्माण कार्य पर दो लाख छह हजार रुपये भुगतान कर लिया गया है। बीडीओ राजेंद्र यादव ने शुक्रवार को जांच की। जांच में इंटरलाकिंग की जगह चकमार्ग मिला। दो अन्य स्थानों पर कार्य कराया जा रहा था। बीडीओ ने कहा जांच पूरी कर ली गई है।
Author: samachar
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