सर्वेश द्विवेदी और ब्रजकिशोर सिंह की रिपोर्ट
फरीदाबाद: मां अपने बच्चों को लिए कुछ भी कर सकती है, यह साबित कर दिखाया है बिहार की एक महिला ने। उसके 5 साल के बेटे के इलाज के लिए परिवार के सामने विकट स्थिति खड़ी हो गई थी। लेकिन मां की ममता और हौंसले के आगे कोई चीज मायने नहीं रखती। मां डॉक्टर के पास जा पहुंची और बोली, डॉक्टर साहब चाहे मेरी जान चली जाए लेकिन मेरे बच्चे को बचा लो। मैं रहूं ना रहूं, लेकिन बच्चा रहना चाहिए। उसने अपने 5 साल के बेटे की जिंदगी बचाने के लिए अपनी किडनी दान करने की बात कही।
ग्रेटर फरीदाबाद सेक्टर 86 स्थित अस्पताल में उसके 5 साल के बेटे का किडनी ट्रांसप्लांट किया गया। बच्चे की मां ने अपना किडनी देकर उसे नया जीवन दिया। ऑपरेशन के बाद बच्चा और उसकी मां पूरी तरह स्वस्थ हैं। इस सफल ट्रांसप्लांट को अस्पताल नेफ्रोलॉजी डिपार्टमेंट के डॉ. जितेंद्र कुमार व यूरोलाजिस्ट डॉ. सौरभ जोशी, डॉ. वरुण कटियार की टीम ने अंजाम दिया।
बिहार निवासी 5 वर्षीय ऋषभ काफी समय से क्रोनिक किडनी रोग और हाइपरटेंशन से पीड़ित था। वह डायलिसिस के लिए एकॉर्ड अस्पताल आता था। यहां बच्चे को बेहतर डायलिसिस के लिए एक अलग माहौल दिया गया। नर्सिंग स्टाफ के साथ वह लूडो और अन्य गेम खेलते हुए डायलिसिस करवा लेता था। अच्छी गुणवत्ता का जीवन देने का एक मात्र तरीका था किडनी ट्रांसप्लांट। यूरोलाजिस्ट डॉ. सौरभ जोशी ने कहा कि बच्चे की मां ने अपने बच्चे को किडनी देने की इच्छा जताई। मां को डोनेशन के लिए फिट पाया गया। स्वास्थ्य विभाग कि समिति की सहमति के बाद 5 साल के बच्चे का सफल ट्रांसप्लांट हुआ है।
फतेहाबाद में बहन ने किडनी डोनेट कर छोटे भाई की जान बचाई
फतेहाबाद के गांव खजूरी जाटी निवासी 55 वर्षीय बेबी नटियाल ने अपने 42 वर्षीय छोटे भाई दीपचंद की जान बचाने के लिए रक्षाबंधन से पहले 8 अगस्त 2023 को महात्मा गांधी हॉस्पिटल जयपुर में अपनी किडनी का उपहार देकर उसे जीवनदान दिया है। दो साल पहले दीपचंद को अचानक उनकी छाती में दर्द हुआ और तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर उपचार के लिए अस्पताल में पहुंचा। मगर वहां जांच के बाद पता चला कि उनकी दोनों किडनियां खराब हो चुकी है। लेकिन ऐसा सुनते ही तीन मासूम बच्चों के पिता दीपचंद के लिए बहुत मुश्किल भरा वक्त था।डॉक्टर ने उन्हें डायलिसिस की सलाह दी। ऐसे हालत में बड़ी बहन बेबी नटियाल ने अपने भाई को किडनी डोनेट कर दी।
Author: samachar
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