दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अक्सर खुले में घूम रहे जानवरों का मुद्दा सोशल मीडिया के माध्यम से उठाते रहते हैं। अब उन्होंने एक वीडियो शेयर किया है जिसके जरिए उन्होंने सरकार पर तंज कसा है।
अखिलेश यादव द्वारा शेयर किए गए वीडियो में एक सांड छत पर चढ़ा हुआ दिखाई दे रहा है। अखिलेश यादव ने कहा कि इसे उतारने के लिए हवाई बुलडोजर की जरूरत है।
छत पर चढ़े सांड का वीडियो हो रहा वायरल
वीडियो में दिखाई दे रहा है कि एक सांड छत पर चढ़ा हुआ है और एक शख्स उसे नीचे उतारने की कोशिश कर रहा है। दीवार की ईंट को हटाकर सांड के उतरने का रास्ता बनाते लोग वीडियो में दिखाई दे रहे हैं। हालांकि सांड फिर भी नीचे नहीं उतरा। वीडियो कब और कहां का है, ये जानकारी नहीं है लेकिन अखिलेश यादव ने इस वीडियो के जरिए सरकार पर हमला करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
इसको उतारने के लिए तो हवाई बुलडोज़र चाहिए… उप्र सरकार तुरंत आर्डर दे! pic.twitter.com/LIIpm8pewg
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 24, 2023
अखिलेश यादव ने ली चुटकी
अखिलेश यादव ने वीडियो शेयर कर लिखा है, ‘इसको उतारने के लिए तो हवाई बुलडोज़र चाहिए. उप्र सरकार तुरंत आर्डर दे!’ सोशल मीडिया पर तमाम लोग भी इस पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। अभय सिंह नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा, ‘केंद्र में अगर I.N.D.I.A की सरकार आए तो अखिलेश बाबू को ‘सांड रखरखाव केंद्रीय मंत्री’ बनाया जाए। क्योंकि सांड के ऊपर PHD किए हुए हैं ।
सोशल मीडिया यूजर्स की प्रतिक्रियाएं
किरण यादव नाम की यूजर ने लिखा, ‘गौ माता तो हमारे पूर्वज की धरोहर हैं, प्रभु श्री कृष्णा गऊ पालक से भी जाने जाते हैं आपको तो तुरंत जानकारी लेकर तुरंत वहां से इसकी सुरक्षा और रक्षा करनी चाहिए थी और आप मजाक में उड़ा रहे हो।’ @AslamChopdar11 ट्विटर हैडल से ट्वीट किया गया, ‘पता नहीं, आपके अकाउंट चलाने वाले ऐसे ही हैं या आप के पास अब यही मुद्दा ही बचा है योगी के आगे। कौन यकीन करेगा आप 5 साल मुख्यमंत्री भी रह चुके हो!’
इससे पहले भी अखिलेश यादव ने एक वीडियो शेयर कर ट्वीट किया था कि आज का सुपर स्पेशल ‘सांड समाचार’ : सांड के साथ टेम्पो का टकराव! आज का ‘सांड विचार’ : उप्र पर्यटन अब ऐसे वीडियो को विश्व भर में प्रचारित करके ‘जान-जोखिम में डालना पसंद करनेवाले पर्यटकों’ को उप्र में आमंत्रित कर सकता है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."