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November 22, 2024 8:00 pm

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कराहती देवभूमि, पहाड़ों की दहाड़ और नदियों का तूफानी रुख…मौत और बर्बादी का मंजर फैला हुआ है 

12 पाठकों ने अब तक पढा

मनोज उनियाल की रिपोर्ट 

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में बारिश का कहर जारी है। प्रदेश के कुल्लू जिले में बारिश की वजह एक चार मंजिला इमारत सहित कुल तीन भवन गिर गए हैं। इस हादसे में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। घटना का एक वीडियो भी सामने आया है। बताया जा रहा है कि प्रशासन ने इन बिल्डिंग को पहले ही खाली करवा दिया था। आनी बस स्टैंड में दो से तीन बिल्डिंग को अभी भी खतरा बना हुआ है।

गुरुवार को देखते ही देखते ही चार मंजिला घर पूरी तरह से जमीदोंज हो गई। मौके पर मौजूद लोगों ने इसका वीडियो बना लिया। जिस शख्स ने वीडियो बनाई है वो कह रहा है कि बिल्डिंग के ऊपर लोग हैं। इस दौरान अफरा तफरी भी देखने को भी मिल रही है।

पहले ही खाली करवा दिए थे भवन

जो इमारते गिरी हैं उनमें से एक बिल्डिंग में पहले कांगड़ा को-ऑपरेटिव बैंक और दूसरी भवन में SBI बैंक भी चल रहा था। इन्हें जुलाई महीने के भारी बारिश के बाद प्रशासन ने खतरे को भांपते हुए पहले ही खाली करवा दिया गया था। हिमाचल में इस बार बरसात में भारी तबाही मचाई है। इसी तरह की तस्वीरें प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में भी सामने आ रही है। शिमला में भी इस तरह की घटनाएं सामने आ चुकी हैं।

एक दिन में 11 लोगों की मौत

प्रदेश में बारिश एक बार फिर से कहर बरपा रही है। बारिश के चलते पिछले 24 घंटे में दो बच्चों सहित 11 लोगों की मौत हो गई। मंडी जिले में बादल फटने की दो घटनाएं हुईं। भारी बारिश के बाद चंडीगढ़-शिमला, चंडीगढ़-मनाली फोरलेन सहित 700 से ज्यादा सड़कें बंद हो गई हैं। सोलन जिले के शकाल गांव में कुछ मकानों को भी नुकसान पहुंचा है।

घरों में घुसा मलबा, जान बचाकर भागे लोग

विधानसभा क्षेत्र जवाली के अधीन नियांगल में पहाड़ी दरकने से मकानों के जमींदोज होने का सिलसिला थमा भी नहीं था कि अब कोटला में पहाड़ी दरकने से 20 मकानों पर खतरे के बादल मंडराने शुरू हो गए हैं। बुधवार सुबह कोटला के साथ लगती पहाड़ी दरकने से सारा पानी व मलबा घरों में घुस गया। लोगों का लाखों रुपए का कीमती सामान व गाडिय़ां भी मलबे में दब गई। सभी लोग घरों को खाली कर सुरक्षित जगह की तरफ भागे।

मूसलाधार बारिश के बीच लोग कोटला बाजार में आ पहुंचे। लोगों की जिंदगीभर की कमाई मिट्टी में मिलनी शुरू हो गई है। कुछ लोगों ने तो घरों का सामान पिकअप में भर लिया तथा अपने रिश्तेदारों के घर ले गए। पंचायत में 800 से ज्यादा घर है। कुछ लोग सामुदायिक भवन कोटला में ठहरे हुए हैं, तो कुछ लोग कोटला बाजार में बैठे हैं। –एचडीएम

फोरलेन की सुरंग से तबाही

कोटलावासियों ने कहा कि जो पहाड़ी दरकी है उसके अंदर फोरलेन कंपनी द्वारा सुरंग बनाई जा रही है तथा जब भी सुरंग को बनाने के लिए कंपनी द्वारा ब्लास्ट किया जाता था तो कोटला के सारे मकान थरथरा जाते थे। लोग फोरलेन कंपनी को दोषी ठहरा रहे हैं, तो कई लोग इस त्रासदी के लिए क्रशरों व खनन को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।

सामुदायिक भवन-कोटला मंदिर में ठहराए लोग

उपमंडलाधिकारी जवाली महेंद्र प्रताप सिंह ने टीम के साथ कोटला पंचायत का दौरा किया तथा क्षति का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि पहाड़ी दरकने से पांच मकानों को क्षति पहुंची है तथा करीबन 20 घरों को खाली करवाया है। कई जगहों पर पानी खड़ा हो गया है तथा यह पानी कहर बरपा रहा है। उन्होंने लोगों को ठहरने के लिए सामुदायिक भवन कोटला व मंदिर कोटला को राहत शिविर बनाया है तथा वहीं उनके खाने-पीने की व्यवस्था की जाएगी।

24 घंटे में प्रदेश भर की 700 सडक़ें ठप

प्रदेश भर में बीते 24 घंटे से जारी बारिश में 700 से ज्यादा सडक़ें ठप हो गई हैं। सेब ढुलाई में लगे ट्रक जगह-जगह फंस गए हैं। इसके अलावा ग्रामीण इलाकों तक आवश्यक खाद्य सामग्री की सप्लाई भी नहीं पहुंच पाई है। कई जगह भूमि कटाव और लगातार मलबा गिरते रहने की वजह से सडक़ें बहाल होने में कठिनाई हो रही है। इसके साथ ही पीडब्ल्यूडी का नुकसान करीब 2800 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। शिमला और मंडी में हालात बेकाबू नजर आ रहे हैं।

इन दोनों जोन में 433 सडक़ें बाधित हुई हैं। इनमें शिमला में सबसे ज्यादा 220 सडक़ें ठप हैं। अकेले शिमला सर्कल में 134 सडक़ें बाधित हैं, जबकि मंडी में 213 सडक़ें बाधित हैं। इनमें मंडी जोन में 151 सडक़ें पूरी तरह से ठप हैं। ताजा बारिश के बाद मुश्किलें उन इलाकों में भी महसूस हो रही हैं, जिनमें बीते करीब एक सप्ताह से सडक़ें ठप हैं। यहां आवश्यक वस्तुओं के दाम दोगुने हो गए हैं। हमीरपुर जोन में 180 और कांगड़ा में 93 सडक़ें बंद हैं। नेशनल हाईवे पर भी बारिश का असर देखने को लगातार मिल रहा है।

बारिश से प्रभावित हुआ काम

पीडब्ल्यूडी के प्रमुख अभियंता अजय गुप्ता ने बताया कि बरसात की वजह से काम प्रभावित हुआ है। बारिश थमने के बाद विभाग दोबारा से सडक़ें बहाल करने का काम शुरू करेगा। उन्होंने बताया कि विभाग सडक़ें बहाल करने में 800 जेसीबी की मदद ले रहा है।

पीडब्ल्यूडी को अभी तक 116 पुलों का नुकसान हो चुका है। इनमें 19 पुल पूरी तरह से बर्बाद हो गए हैं, जबकि 97 पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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