सर्वेश द्विवेदी की रिपोर्ट
सीमा हैदर और सचिन मीणा नोएडा में अपनी नई जिंदगी की शुरुआत कर चुके हैं। हालांकि सऊदी में रह रहे सीमा के पति गुलाम हैदर को अभी तक इस पर यकीन नहीं हो रहा है। गुलाम ने एक पाकिस्तानी यूट्यूब चैनल से बात करते हुए कहा कि मैं चाहता हूं सीमा (Seema Haider) वापस अपने घर लौट आए।
वह अपने साथ हमारे बच्चों को भी लेकर चली गई है। गुलाम ने इस यूट्यूब चैनल से बात करते हुए कहा कि हमारा अब तक तलाक नहीं हुआ है और वह दूसरी शादी की बात कर रही है। यह सरासर गुनाह है। गुलाम ने यह भी कहा कि वह अपना परिवार बचाने के लिए कुछ भी कर सकता है और अगर सीमा घर लौटती है तो उसे अपना लेगा।
यूट्यूब पर खोला दिल का हाल, रोता नजर आया गुलाम
गुलाम हैदर ने लगभग रोते हुए कहा कि मैं उसके और अपने बच्चों के लिए दूर देश आकर कमा रहा था, ताकि उसे अच्छी जिंदगी दे सकूं। मुझे नहीं पता कि कैसे वह उस शख्स (सचिन मीणा) के संपर्क में आई और इतना बड़ा फैसला ले लिया। वह खुद तो गई लेकिन मेरे बच्चों को भी लेते गई। बता दें कि सीमा हैदर कई बार कह चुकी हैं कि अब उनका भारत से लौटने का इरादा नहीं है और वह सचिन और उनके परिवार को अपना चुकी हैं। सीमा का कहना है कि उसे गुलाम ने तीन तलाक दी है।
गुलाम हैदर का दावा, सीमा से नहीं हुआ है मेरा तलाक
गुलाम हैदर ने तलाक के सवाल पर कहा कि यह सरासर झूठ है। मैंने उसे कोई तलाक नहीं दी है और उसका मेरे साथ तलाक नहीं हुआ है। एक शौहर के रहते दूसरी शादी नहीं की जा सकती है। वह झूठ बोल रही है और बिना मुझसे तलाक लिए दूसरे धर्म के शख्स से शादी कर चुकी है। गुलाम का कहना है कि वह आज भी अपने बच्चों और सीमा से उतना ही प्यार करता है और उनके साथ ही बची हुई जिंदगी बिताना चाहता है। वीडियो में गुलाम को रोते हुए देखकर कई यूजर्स उसके लिए दुआ मांग रहे हैं। कुछ यूजर्स तो उसे सीमा को भूलने की सलाह दे रहे हैं।
गुलाम हैदर ने कहा कि सीमा की हरकत ने सबको शर्मिंदा किया है। उन्होंने यह भी कहा कि मैं सब लोगों से कहना चाहता हूं कि कोई भी ऐसे अपने घर-परिवार को छोड़कर न जाए। अल्लाह ऐसे लोगों को हिदायत दे। हालांकि गुलाम का यह भी कहना है कि वह सीमा से बहुत प्यार करता है और अगर वह भारत से लौट आए तो सब कुछ भूलकर उसे अपने साथ रखने के लिए तैयार है। आखिरकार यह मेरे परिवार और बच्चों का सवाल है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."