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November 1, 2024 9:01 pm

समृद्ध भारत की समृद्ध विरासत से रूबरू कराती और स्वतंत्रता के नायकों की छवि उकेरती प्रदर्शनी 

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इरफान अली लारी की रिपोर्ट 

देवरिया।  शनिवार को नागरी प्रचारिणी सभा भवन में मेरी माटी मेरा देश अभियान के अंतर्गत राष्ट्रनायकों एवं अमर शहीद क्रांतिकारियों के योगदान को व्यक्त करने के लिए समृद्ध भारत की समृद्ध विरासत आधारित प्रदर्शनी का आयोजन हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन एडीएम प्रशासन गौरव श्रीवास्तव ने किया।

इस अवसर पर एडीएम गौरव श्रीवास्तव ने कहा कि आजादी के मेरी माटी मेरा देश अभियान के अंतर्गत अंतरराष्ट्रीय डाक टिकट संग्रहकर्ता हिमांशु कुमार सिंह द्वारा आयोजित इस प्रदर्शनी में महात्मा गाधी एवं अन्य अमर शहीदों की जीवन वृत्त पर अत्यंत मनमोहक प्रदर्शनी लगी है। देश के स्वतंत्रता संग्राम नायकों की बानगी को इस प्रदर्शनी के माध्यम से एक स्थान पर देखा जा सकता है।

उन्होंने कहा कि प्रदर्शनी में महात्मा गांधी, नेताजी सुभाषचंद्र बोस, भगत सिंह, सरदार वल्लभभाई पटेल, जवाहर लाल नेहरु, सरोजनी नायडू, रवींद्र नाथ टैगोर सहित कई स्वतंत्रता आंदोलन के नायकों के योगदान को प्रदर्शित किया गया है। प्रत्येक जनपदवासी को अपने विरासत से परिचित होने के लिए इस प्रदर्शनी को अवश्य देखना चाहिए।

प्रसिद्ध डाक टिकट संग्रहकर्ता हिमांशु कुमार सिंह ने बताया कि उनका उद्देश्य इस प्रदर्शनी के माध्यम से युवाओं को देश की समृद्ध विरासत से रूबरू कराने का है। इस प्रदर्शनी में गांधी जी से जुड़े विभिन्न डाक टिकट, सिक्के, पुस्तक, कागजी नोट, तस्वीरें, रेडक्रॉस सोसायटी से जुड़े 400 पोस्टकार्ड आदि आमजनमानस के अवलोकनार्थ लगाये गये हैं। डाक टिकटों के अलावा 150 रुपये मूल्य का गांधी जी पर जारी चांदी का सिक्का, 1000 रुपये का सिक्का तथा खादी पर जारी विश्व का प्रथम डाक टिकट लोगों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र रहा।

इस बार की प्रदर्शनी में हिमांशु सिंह ने माचिस के डिब्बो को भी प्रदर्शित किया है। प्रदर्शनी रविवार को भी आयोजित की जाएगी।

इस अवसर पर नागरी प्रचारिणी सभा के अध्यक्ष परमेश्वर जोशी , रेड क्रॉस सोसायटी के अखिलेंद्र शाही, इंद्र कुमार दीक्षित, डॉ सौरभ कुमार श्रीवास्तव, विजय पटेल, अनिल गुप्ता, प्रदीप कुमार शर्मा, अनिल तिवारी, अजय विश्वकर्मा, अजय जैसवाल, रामवर सहित विभिन्न लोग उपस्थित थे।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."