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19 January 2025 4:22 am

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बाढ़ के पानी से घिरे 35 गांवों से शुरू हुआ पलायन

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

बाराबंकी: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में एक बार फिर सरयू (घाघरा) नदी ने अपना विकराल रूप ले लिया है। जलस्तर बढ़ने के साथ दो तहसीलों के 35 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। जिला प्रशासन के अफसरों ने गांवों में हाई अलर्ट जारी कर ग्रामीणों से गांव खाली करने निर्देश दिए हैं। बाढ़ के खतरे को देखते हुए ग्रामीण अपने जरूरत का समान लेकर गांव से पलायन कर रहे हैं और ऊंचे सुरक्षित स्थान की तलाश में जुट गए हैं। फिलहाल जिला प्रशासन बाढ़ पीड़ितों के आंकड़े जुटाने में लगा है।

बारिश और पहाड़ी नदियों के नेपाल से छोड़े गए पानी ने रामनगर और सिरौलीगौसपुर तहसील क्षेत्र के गावों को घेर लिया है। बुधवार को सरयू नदी का जल स्तर खतरे के निशान से 54 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया। बाढ़ खंड के अफसरों शाम पांच बजे एल्गिन ब्रिज पर नदी का जलस्तर 106.661 मीटर रिकार्ड किया है। डीएम अविनाश कुमार ने बाढ़ चौकियों को 24 घंटे एलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। साथ ही बाढ़ से प्रभावित गांवों को खाली करने के निर्देश दिए हैं।

नदी के बढ़ते जलस्तर से तराई इलाकों में अफरा-तफरी का माहौल है। बाढ़ के पानी से घिरे गांवों के लोग अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थान की ओर पलायन कर रहे हैं। बाढ़ पीड़ित अपनी गृहस्थी बचाने की जुगत में लगे हैं। रामनगर तहसील के अपस्ट्रीम तटबंध के सुंदरनगर, कोडरी, बेलहरी, बीसरसंडा, बाबापुरवा, ललपुरवा, बलाईपुर आदि गांवों में बाढ़ का पानी घुसने लगा है। नदी के उस पार बसे जमका, फाजिलपुर, खुज्ही, परशुरामपुर गांव भी बाढ़ से पूरी तरह से घिर चुके हैं। नदी के बढ़ते जलस्तर को देख कर बाढ़ प्रभावित गांवों के लोग अपने घरों का जरूरी सामान निकाल कर नाव की मदद से ऊंचे स्थानों और तटबंध पर शरण ले रहे हैं।

बाढ़ पीड़ित परिवार बनाई जा रही सूची

प्रशासन के अनुसार, करीब 35 बाढ़ प्रभावित परिवारों ने ऊंचे स्थानों पर बने तटबंध पर अस्थाई रूप से आशियाना बना लिया है। तहसीलदार कविता ठाकुर अपस्ट्रीम तटबंध पर पहुंच कर बाढ़ क्षेत्र का निरीक्षण किया। राजस्व टीम ने तटबंध पर आने वाले परिवारों की सूची तैयार करने में जुटे हैं। सिरौलीगौसपुर तहसील के तेपरा, सराय सुर्जन, तेलवारी, मांझारायपुर, नव्वनपुरवा, कहारनपुरवा, टिटहुआ, गोबरहा आदि गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। इन गांवों के लोग भी पलायन कर अलीनगर- रानीमऊ तटबंध पर शरण ली है। सिरौलीगौसपुर तहसील एसडीएम विश्वमित्र सिंह ने बुधवार को बाढ़ प्रवावित इलाके का दौरा किया। एसडीएम ने बताया कि बाढ़ से घिरे गांवों के लोगों को घर खाली कर सुरक्षित स्थान पर जाने के निर्देश दिए गए हैं।

सरकारी खज़ाने से करोड़ों खर्च, स्थिति जस की तस

रामनगर तहसील एसडीएम अनुराग सिंह ने बताया कि बाढ़ की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। सरयू नदी के तटीय इलाकों में बचाव और निगरानी के लिए बनी बाढ़ चौकियों को 24 घंटे अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं। बता दें कि बाढ़ के दौरान क्षेत्र में अफसरों और नेताओं का मेला लगता है। आपदा के नाम पर प्रति वर्ष सरकार के खजाने से करोड़ों रुपए खर्च होते हैं, लेकिन दशकों से बाढ़ का स्थायी समाधान नहीं निकल सका है। हर साल आने वाली की बाढ़ का दर्द गांवों में सैकड़ों किसान और इनके परिवारों को झेलना पड़ता है। एक बार फिर दो तहसीलों के दर्जनों गांव में बाढ़ अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है।

PWD के इंजीनियरों ने नही किया पुलिया पिचिंग कार्य

डीएम अविनाश कुमार ने 19 जुलाई को बाढ़ क्षेत्र का निरीक्षण कर पीडब्ल्यूडी के अफसरों को समय से पहले ही पुलिया के एप्रोच का पिचिंग कार्य कराने के निर्देश दिए थे, लेकिन रामनगर तहसील के हेतमापुर मार्ग पर नवनिर्मित पुलिया के एप्रोच का पिचिंग कार्य नहीं कराया गया है। इससे बाढ़ के भयावाह हालात बनने पर पानी के तेज बहाव में एप्रोच कटने की आशंका बनी हुई है।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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