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November 22, 2024 10:48 am

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जन्म के चार-पांच साल ठीक रहते हैं इस गांव के बच्चे फिर ऐसी बीमारी का होते हैं शिकार, वजह अभी तक नहीं खुली…

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रघू यादव मस्तूरी की रिपोर्ट 

बलरामपुर, छत्तीसगढ़ : जिले का एक ऐसा गांव जहां अजीबोगरीब घटनाएं घटित हो रही हैं। इस गांव में हो रही घटना को जानकर आप चौंक जाएंगे। आखिर इस गांव में ऐसा क्या है, जिसकी वजह से यहां के बच्चे जन्म लेने के बाद महज 3 से 4 वर्ष तक ही स्वस्थ रहते हैं। उसके बाद धीरे-धीरे विकलांकता का शिकार हो जाते हैं। क्या है इस गांव में ? यह गांव श्रापित है या यहां के वातावरण, हवा पानी में कोई कमी है। यह सवाल आज तक गांव के लिए सिर्फ एक पहेली बनी हुई है। वजह क्या है? क्या आज तक कोई नहीं जान पाया?

जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर की दूरी पर एक गांव है खड़िया डामर आश्रित कोइलीदामर। इस गांव में एक अजीबोगरीब मामला देखने को मिल रहा है। गांव में बच्चे स्वस्थ तो पैदा होते हैं लेकिन 3 से 4 साल बाद बच्चों में विकलांगता जैसी अजीबोगरीब समस्या आने लगती है। जिसके बाद धीरे-धीरे बच्चे पूरी तरह से विकलांग हो जाते हैं। ऐसा कोई एक या दो नहीं बल्कि आधा दर्जन मामला सामने आया है। आखिर ऐसा क्यों हो रहा है। यहां के लोग खुद ही इस बात को जानने के लिए चिंतित हैं। यहां के ग्रामीण गांव को लेकर अजीबोगरीब बात कह रहे हैं। यह गांव श्रापित है, या यहां की हवा पानी में कोई समस्या है..!

विकलांगता का झेल रहा है दंश

बच्चे विकलांगता का दंश झेल रहे हैं। जिस उम्र में बच्चे खेलते कूदते हैं, उसी उम्र में बच्चे भाई बहन मां-बाप व दूसरों के सहारे चलने को मजबूर हैं। बच्चे एक ही जगह या बंद कमरे में रहकर अपना समय बिता रहे हैं। बच्चों की ऐसी स्थिति को देखते हुए परिजन भी काफी डरे और सहमे हुए हैं। परिजन बच्चों के इलाज के लिए छत्तीसगढ़ सहित उत्तर प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश में कई बड़े डॉक्टरों के पास इलाज करा चुके हैं। लेकिन इस समस्या से निजात मिलने की बजाय समस्या बढ़ती जा रही है। वहीं जादू टोने के शक में परिवार के लोग देवी देवता की पूजा आराधना करने में जुटे हुए हैं।

अधिकारियों ने दिए जांच के निर्देश

मामले में बलरामपुर कलेक्टर एवं मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ प्रेमचंद बनर्जी ने डॉक्टरों की टीम गठित की है। टीम को गांव में भेजकर बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण करने एवं यह समस्या किस वजह से हो रही है, जांच करने की बात कही है। इतना ही नहीं शासन की तरफ से मिलने वाली चिकित्सकीय सुविधाओं से जोड़कर बच्चों का संपूर्ण इलाज भी कराने की बात कही। अब देखना यह है कि शासन-प्रशासन इस इस मामले को लेकर किस तरह की पहल करता है।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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