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November 23, 2024 2:00 am

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आखिर क्यों बृजभूषण शरण सिंह ने प्रियंका को दे दी चुनौती ? पढ़िए पूरी खबर को

15 पाठकों ने अब तक पढा

दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने अपने ऑफिशियल टि्वटर हैंडल से बृजभूषण शरण सिंह (Brijbhushan Sharan Singh) पर निशाना साधते हुए उनके बीजेपी में बने रहने पर सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा कि बीजेपी अपने सांसद को बचा रही है। 

सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने प्रियंका वाड्रा के आरोपों पर अपने फेसबुक एकाउंट से पलटवार करते हुए कहा कि प्रियंका गांधी टि्वटर टि्वटर खेलना बंद करें। उन्होंने प्रियंका को सीधे चुनौती दे दिया।

महिला पहलवानों के आरोपों का सामना कर रहे बीजेपी सांसद बृजभूषण सिंह के मामले में दिल्ली पुलिस के चार्जशीट दिए जाने के बाद विपक्षी दल हमलावर हैं। प्रियंका गांधी ने टि्वटर पर लिखा कि कानून और नैतिकता कहती है कि महिलाओं के साथ अत्याचार करने वाले आरोपी को उसके पद से हटाकर निष्पक्ष जांच कराई जाए। उसकी गिरफ्तारी हो और अदालत से उसे सजा दिलाई जाए। उन्होंने सवाल खड़ा किया कि देश का मान बढ़ाने वाली महिला पहलवानों के मामले में आरोपी को बचाया और मामले को दबाया जा रहा है। बीजेपी सरकार मौन है। उन्होंने बृजभूषण सिंह के बीजेपी में बने रहने पर सवाल खड़ा किया।

प्रियंका के ट्वीट पर पलटवार करते हुए बृजभूषण सिंह ने प्रियंका गांधी और उनकी पार्टी पर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने अपने फेसबुक अकाउंट पर लिखा कि प्रियंका गांधी ट्यूटर ट्यूटर खेलना बंद कर दें। यदि उनमें हिम्मत है, तो वह मेरे खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़कर दिखाएं। उन्होंने लिखा कि प्रियंका गांधी का ट्वीट देश को गुमराह करने का षड़यँत्र है। पुलिस की जांच रिपोर्ट से कानून किसी को अपराधी नहीं मानता है। न्यायालय में हमें भी अपना पक्ष रखने का अधिकार है। ऐसा लगता है कि कांग्रेस और प्रियंका गांधी को न्यायालय पर भरोसा नहीं है। इसलिए वह मामले का मीडिया ट्रायल कर रही है।

‘कांग्रेस ने हमेशा साजिश रची’

उन्होंने लिखा कि वर्ष 1952 में मेरे बाबा स्वर्गीय चंद्रभान शरण सिंह कांग्रेस पार्टी से विधायक बने अस्पताल में रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मौत हो गई। इसमें कांग्रेस की साजिश थी। वर्ष 1974 में मेरा घर गिराया गया मुझे तथा मेरे परिवार को जेल में बंद कर दिया गया। तब भी कांग्रेस की सरकार थी। वर्ष 1975 में इमरजेंसी का विरोध किया।

कांग्रेस पार्टी पूर्वांचल में अपने वजूद के लिए मुझे चुनौती मानती थी। इसलिए 1980 में कांग्रेस नेताओं के दबाव में मेरे ऊपर गैंगस्टर सहित 3 दर्जन मुकदमे लिखे गए। वर्ष 1980 में ही मेरे ऊपर प्राणघातक हमला हुआ मेरे साथी की मौत हो गई मैं बच गया उस समय भी सरकार थी। विश्वनाथ सिंह की सरकार में मेरा एनकाउंटर कराने का प्रयास किया गया लेकिन भारी जनसमर्थन के कारण उस समय की सरकार सफल नहीं हो सकी। उन्होंने लिखा कि 1989 के विधान परिषद चुनाव में मैं हारा नहीं बल्कि मुझे 4 वोटों से हरा दिया गया।

कांग्रेस ने हमेशा मेरे राजनीतिक सफर को रोकने का प्रयास किया। 1989 के राम जन्मभूमि आंदोलन में सबसे पहले मेरी गिरफ्तारी हुई। वर्ष 1992 में विवादित ढांचा गिरा तभी कांग्रेस के इशारे पर मेरी गिरफ्तारी हुई। 1995 में टाडा लगाकर मुझे देशद्रोही बताया गया। वर्ष 2004 में एक दुर्घटना को हत्या बताकर मेरे खिलाफ साजिश रची गई। उसमें सीबीआई जांच में मैं बैरी हुआ। वर्ष 2023 रची गई साजिश में पूरी पार्टी शामिल इसकी कमान भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रियंका गांधी के हाथ में हैं।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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