चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
कर्नलगंज गोण्डा। नहर विभाग की मनमानी से पीड़ित करीब एक दर्जन परिवार तीन वर्षो से नहर के बीच धरना देते रहे। गुरुवार की सुबह पुलिस, प्रशासन व सिंचाई विभाग के अधिकारी भारी संख्या मे पुलिस बल के साथ ग्राम परसा गोंडरी के मजरा शिवशंकर पूरवा पहुंचे। देखते ही देखते पूरा गांव छावनी मे तब्दील हो गया। ज़ब तक कोई कुछ समझ पाता तब तक नहर के बीच तीन वर्ष से धरने पर बैठे किसान धरना स्थल से बाहर दिखाई देने लगे।
धरने पर बैठे किसान रघुनाथ मिश्रा ने बताया की उनकी मृतक मां के नाम की भूमि का काफी दिन पूर्व अधिग्रहण किया गया था। उस समय भूमि का सरकारी रेट काफी कम था। तीन वर्ष पूर्व विभाग के अधिकारी किसानो को पुराने रेट से मुआवजा देने लगे। जिसका विरोध करते हुए किसान नए रेट से मुआवजा देने की मांग करने लगे। जिस पर बात बिगड गई, किसान नहर की खुदाई रोकने का प्रयास करने लगे।
मामला बिगड़ता देखकर किसानो ने नहर खुदाई वाले स्थान पर धरने पर बैठ गए। काफी हो हल्ला हुआ विभिन्न दलों के नेताओं ने धरना स्थल पहुंचकर समर्थन भी किया। इस तरह लगातार तीन वर्षो से अपनी भूमि का नए रेट से मुआवजा की मांग को लेकर किसान धरना देते रहे। अंत मे गुरुवार को शेष बची 600न मीटर नहर खुदाई पूरी हो गई।
किसानो का दर्द
किसान रघुनाथ मिश्रा व सौरभ मिश्रा ने बताया की अपनी मांगो को लेकर तीन वर्ष से 12 किसान लगातार धरना देते चले रहे है। प्रशासन ने धरना दे रहे तीन परिवार के एक एक सदस्य को नौकरी, जितनी भूमि नहर के लिए अधिग्रहित की गई है। उसका मुआवजा व दो गुनी भूमि देने का जुबानी आश्वासन दिया है। यदि यह बात सही भी मान ली जाय तो धरने पर बैठे शेष किसानो को क्या दिया जायेगा। इस तरह मनमानी तरीके से किसानो की भूमि मे करीब डेढ़ दर्जन से अधिक जेसीबी मशीनों से नहर की खुदाई कराई जा रही है। किसानो के अनुसार उनके दरवाज़े पर पुलिस बल लगाकर किसानो व उनके परिवार के सदस्यों को धरना स्थल पर जाने के लिए रोक दिया दिया है। मुख्य राजस्व अधिकारी महेश प्रसाद के अनुसार किसानो की सहमति पर नहर खुदाई का कार्य कराया जा रहा है। उन्होंने बताया की शुक्रवार को नहर मे पानी छोड़ा जायेगा।
पर्याप्त पुलिस बल की मौजूदगी मे हुई नहर की खुदाई
प्रशासन, पुलिस व सिंचाई विभाग के अधिकारी करीब एक हजार से अधिक जवानो के साथ मौके पर डटे रहे। ग्राम प्रसाद गोंडरी का शिवशंकर पूरवा छावनी मे तब्दील था। चारो तरफ फ़ोर्स ही दिखाई दे रही थी। पुलिस के साये मे 20 जेसीबी मशीने नहर की खुदाई कर रही थी।
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."