सर्वेश द्विवेदी की रिपोर्ट
अमेठी। जिले में जामो थानाक्षेत्र के रेहसी गांव में सोमवार को हुई चार वर्षीय एक बच्चे की हत्या के सिलसिले में पुलिस ने उसकी बलि दिए जाने का खुलासा करते हुए इस मामले में तांत्रिक और बच्चे की सौतेली मां सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस अधीक्षक इलामारन जी. ने बुधवार को बताया कि चार वर्षीय सत्येंद्र के पिता जितेन्द्र प्रजापति ने पुलिस को सूचना दी थी कि उनका बेटा 11 जून को खेलने के लिए घर से निकला था लेकिन वह वापस घर नहीं आया। उन्होंन बताया कि काफी ढूंढने पर जब वह नहीं मिला तब सोमवार को पुलिस को 112 नंबर पर इसकी सूचना दी गयी ।
उन्होंने बताया कि सोमवार को ही शाम छह बजे गांव के ही दानबहादुर ने सत्येंद्र का शव तालाब किनारे नाले में पड़े होने की सूचना दी। इलामारन ने बताया कि इस सूचना पर उसी दिन थाना जामो पर भादंसं की धारा 302 के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया। उन्होंने बताया कि मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने मंगरू प्रजापति, दयाराम यादव, प्रेमा देवी और मृतक बच्चे की सौतेली मां रेनू को गिरफ्तार किया तथा इन अभियुक्तों की निशानदेही पर घटना स्थल के पास झाड़ियों से आलाकत्ल गमछा, नींबू, जायफल आदि तंत्र-मंत्र का सामान बरामद हुआ।
उन्होंने बताया कि पूछताछ में मंगरू और प्रेमा देवी ने बताया कि उन्होंने करीब डेढ़ वर्ष पूर्व अपनी बेटी रेनू का दूसरा विवाह जितेन्द्र प्रजापति के साथ किया था। उनके मुताबिक जितेन्द्र को उसकी पहली पत्नी छोड़कर चली गयी थी जिससे पैदा हुआ सत्येन्द्र अपने पिता जितेन्द्र के साथ रहता था। मंगरू और प्रेमा देवी के मुताबिक, शादी के बाद रेनू अक्सर बीमार रहती थी तथा बार-बार उसका गर्भपात हो जाता था, इससे परेशान होकर उन्होंने तांत्रिक दयाराम यादव से संपर्क किया जिसने एक बच्चे की बलि देने की बात कही।
पुलिस का कहना है कि रेनू ने पूछताछ के दौरान कथित रूप से बताया कि 11 जून को सभी अभियुक्त ग्राम रेसी बन्धे के पास पीपल के पेड़ के नीचे इकट्ठा हुए जहां पर तांत्रिक दयाराम ने बच्चे पर तंत्र-मंत्र किया और प्रेमा देवी और उसकी बेटी रेनू ने सत्येन्द्र के गले में एक गमछे से फंदा लगाकर कस दिया, जिससे गोपी उर्फ सत्येन्द्र की मृत्यु हो गयी।
घटना के समय मंगरू ने बच्चे का पैर पकड़ रखा था, जबकि तांत्रिक दयाराम यादव तंत्र-मंत्र पढ़ रहा था। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि सभी आरोपियों को जेल भेज दिया गया है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."