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November 22, 2024 11:06 am

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‘कवच ना रहे ट्रेन में.. दुर्घटना भईल भारी’, केंद्र सरकार पर नेहा सिंह राठौर का तंज, गाना सुनने के लिए वीडियो ? देखिए

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

अक्सर अपने गानों से सुर्खियों में रहने वाली नेहा सिंह रोठौर ने ओडिशा में हुए दर्दनाक ट्रेन हादसे पर भी अपना नया गाना ट्वीट किया है। जिसमें नेहा ने केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए पूछा है कि ये हादसा किसकी जिम्मेदारी है और कब भारतीय रेल के हालात सुधरेगें।

नेहा ने अपने गाने में ये भी कहा है कि सुरक्षा कवच नहीं होने के कारण ही ये भीषण रेल दुर्घटना हुई है।

पटना, बिहार-यूपी की मशहूर लोक गायिका नेहा सिंह राठौर हमेशा अपने गानों के जरिए सामाजिक मुद्दों को उठाती हैं। अब उनका एक और नया गाना सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जो पिछले दिनों ओडिशा में हुए रेल हादसे पर पीएम मोदी से सवाल पूछते हुए गाया गया है। इससे पहले नेहा ने नए संसद भवन, सेंगोल और पहलवान बेटियों को इंसाफ नहीं मिलने पर भी सवाल पूछा था। नेहा के इस नए गाने के बोल हैं- ‘कवच ना रहे ट्रेन में, दुर्घटना भईल भारी’ जो लोगों को काफी पसंद आ रहा है। दो दिन में ही इसे ट्विटर पर 8 हजार से ज्यादा लोगों ने लाइक किया है।

नेहा ने दुर्घटना को लेकर सरकार से पूछे सवालःदरअसल नेहा का नया गाना ‘कवच ना रहे ट्रेन में, दुर्घटना भईल भारी…’ टाइटल के साथ उड़ीसा के बालासोर में हुई दर्दनाक और भीषण ट्रेन दुर्घटना पर आधारित है। इस गाने में लोक गायिका नेहा सिंह राठौड़ ने भी सरकार द्वारा ट्रेन में कवच ना लगाने के मुद्दे पर तंज कसा है। नेहा ने अपने गाने के जरिए पूछा है- “कवच ना रहे ट्रेन में, दुर्घटना भईल भारी, तोहार कईसन चौकीदारी, एजी केकर जिम्मेदारी, कवच के पैसा के करा हिसाब, ऐ कल्कि अवतारी, तू कहा निभवल यारी, तोहार कैसन चौकीदारी, तीन लाख बारह हजार, और चाही कर्मचारी, न सेफ्टी मेंटेनेंस, और ट्रैकिया के सुधारी, तोहार कैसन.. अरे केहु के बेटा बेटी मरले, केहू के बाप महतारी, और यहां करेल बाड़े साहेब, 2024 के तैयारी, अच्छा दिन आयेल थैंक्यू, अब इस्तीफा करो जारी, कसर मसर जिन करा अब माना गुनहगारी, कवच ना रहे ट्रेन में, दुर्घटना भईल भारी, एजी कैसन जिम्मेदारी, तोहार कैसन चौकीदारी”

ट्रेन दुर्घटना में मारे गए 275 लोग

आपको बता दें कि बीते रविवार को ओडिशा के बालासोर में सदी का सबसे बड़ा रेल हादसा हुआ है, जो शायद ही देश के लोगों के मन से भुलाया जा सके। इस हादसे की कसक सालों तक लोगों के जहनों में तरोताजा रहेंगी। ओडिशा रेल हादसे में सरकारी आंकड़ो के मुताबिक 275 लोगों ने अपनी जानें गवां दी हैं और 1100 लोग घायल हुए हैं। जबकि कई लोग अभी भी लापता हैं. हादसे में मारे गए 275 लोगों में से 101 शवों की पहचान अभी भी नहीं हो सकी है।

बालासोर में तीन ट्रेनें एक साथ टकराईं दरअसल ये भीषण रेल दुर्घटना तब हुई, जब शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस बालासोर में एक लूप लाईन पर खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई, जिससे कई डिब्बे बगल के ट्रैक पर पटरी से उतर गए। इसके बाद, यशवंतपुर से हावड़ा जा रही हावड़ा एक्सप्रेस भी तेज गति से प्रभावित डिब्बों से टकरा गई, जिसके परिणामस्वरूप वो भी दुर्घटनाग्रस्त हो गई और इस तरह तीन ट्रेनों के आपस में टकराने से ये भयानक रेल हादसा हुआ।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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