दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
बलरामपुर। समाजवादी पार्टी उतरौला के नगर अध्यक्ष ने सपा के निवर्तमान अध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। निकाय चुनाव में मिली करारी हार के बाद सपा के जिला संगठन में अंतर्कलह की स्थिति बनी हुई है।
25 वार्डों में से सिर्फ 6 ही सपा के सभासद
पार्टी के सदस्यता अभियान में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया, लेकिन इस महीने हुए नगर निकाय चुनाव में जिला अध्यक्ष परशुराम वर्मा ने घोर अनियमितता व मनमानी रवैया को अपनाते हुए पार्टी के विरोधियों को सभासद का टिकट दे दिया। जिस कारण इस चुनाव में उतरौला के 25 वार्डों में से सिर्फ 6 ही सपा के सभासद हो पाए।
नगर अध्यक्ष हाजी मोहम्मद शमीम खान का कहना ही कि ‘वर्ष 1997 में विधायक डॉक्टर शिवप्रताप यादव के द्वारा उन्हे उतरौला नगर अध्यक्ष पद पर मनोनीत किया गया था। तब से मैं पार्टी के नगर अध्यक्ष के पद पर कार्यरत था। पार्टी के द्वारा आयोजित हर आंदोलन अधिवेशन में तहसील जिला व प्रदेश स्तर तक होने वाले हर कार्यक्रम और आंदोलन में शामिल होता रहा हूं।’
हाजी जी कहते हैं कि, मेरे निजी निवास स्थान वाले वार्ड में भी बिना मुझसे सलाह मशविरा किए सभासद का टिकट पार्टी विरोधी व्यक्ति को दे दिया, मजबूर होकर मुझे निर्दल प्रत्याशी को लड़ाना पड़ा और उसे भारी मतों से जीत दिलाई। यह पार्टी विरोधी सभासद का टिकट पाने वाले एम एल सी के चुनाव में भी पार्टी प्रत्याशी भानु तिवारी को वोट न देकर बीजेपी को वोट दे दिए थे। जिसकी भली-भांति जानकारी प्रत्याशी व जिला अध्यक्ष को भी है। निवर्तमान जिला अध्यक्ष परशुराम वर्मा के तानाशाही, मनमानी रवैए व अनियमित तरीके से पार्टी चलाने की वजह से पार्टी में घुटन होने लगी है। मजबूर होकर समाजवादी पार्टी से इस्तीफा दे रहा हूं ।
Author: samachar
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