दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर (Kanpur News) को व्यापारियों की राजनधानी कहा जाता है। शुक्रवार को आरबीआई ने दो हजार के नोटों को लेकर नई गाइडलाइन जारी की थी। दो हजार के नोट 30 सितंबर के बाद चलन से बाहर हो जाएंगे। इसके बाद शनिवार को बैंकों में दो हजार के नोटों के साथ भीड़ उमड़ पड़ी। कानपुर में एक दिन में 10 करोड़ से ज्यादा के दो हजार के नोट जमा किए किए।
किसी बैंक की शाखा में एक करोड़, तो किसी शाखा में 18 से 50 लाख के नोट जमा किए गए। वहीं, बाजारों में व्यापारियों के बीच जबरदस्त हलचल देखी गई।
कानपुर में सरकारी, प्राइवेट और सहकारी बैंकों को मिलाकर कुल 619 शाखाएं हैं। सरकार ने 23 मई से बैंकों में दो हजार के नोट बदलने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही बड़ी संख्या में लोग बाजारों में दो हजार का नोट लेकर खरीददारी करने के लिए पहुंच गए। लेकिन कारोबारी, दुकानदार, किराना व्यापारी, लोहा व्यापारी, बिल्डिंग मटेरियल कारोबारी दो हजार का नोट लेने में कतराते हुए नजर आए। बैंक ऑफ बड़ौदा में सुबह के वक्त दो हजार के नोट नहीं जमा किए गए। जब ग्राहकों ने हंगामा और शिकायत की, तो दोपहर के बाद नोट जमा किए गए।
10 करोड़ के नोट जमा किए गए
आरबीआई का निर्देश है कि खाताधारक कितने भी नोट जमा कर सकता है। इसमें किसी भी प्रकार की रोकटोक नहीं लगाई गई है। किदवई नगर, गोविंद नगर, मोतीझील, स्वरूप नगर, आर्यनगर समेत शहरभर के बैंकों में दो हजार के नोट जमा किए गए। वहीं बैंकर्स एसोसिएशन के महामंत्री आशीष मिश्रा के मुताबिक शहर की बैंकों में 10 करोड़ से ज्यादा के दो हजार के नोट जमा किए गए हैं।
व्यापारियों में नाराजगी
आरबीआई की घोषणा के बाद शनिवार को थोक बाजारों में सन्नाटा देखा गया। उधारी और लेनदेन का भुगतान आरटीजीएस और नेफ्ट के जरिए किया जा रहा है। वहीं, कैश भुगतान करने के लिए भी ग्राहक कह रहे हैं। व्यापारियों का कहना है कि जब दो हजार का नोट बंद ही करना था, तो इसे चलन में लाए क्यों। व्यापारियों और आम नागरिकों को एक बार फिर से लाइन में लगाना था।
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."