चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
गोंडा: गोंडा जिले की एक सबसे पुरानी नगर पंचायत है। जहां 55 वर्षों से मुस्लिम समाज से लगातार अध्यक्ष बनते चले आ रहे हैं। नगर पंचायत की सीमा विस्तार के बाद 4 नई ग्राम पंचायत जुड़ गई। वैसे तो कटरा विधानसभा बीजेपी की गढ़ मानी जाती। नगर पंचायत की बात करें तो जून 4 नए गांव जुड़े वह भी बीजेपी के गढ़ रहे हैं। इसके बाद भी बीजेपी यहां तीसरे नंबर पर पहुंच गई।
गोंडा जिले की सबसे पुरानी नगर पंचायत कटरा बाजार को 1877 में नगर पंचायत का दर्जा मिला था। आजादी के बाद चुनाव प्रक्रिया लागू होने पर पिछड़ी और ब्राह्मण समाज से अध्यक्ष चुने गए। वर्ष 1967 में मुस्लिम समुदाय से अब्दुल बासित (दरोगा) चेयरमैन के पद पर चुने गये। 1971 से 1976 तक मकबूल अहमद वहीं वर्ष 1976 से 1988 तक सुपर सीट रही। 1988 में हुए चुनाव में मकबूल ने बाजी मारी।
वर्ष 1993 से 1995 तक सुपरशीट रही। 1995 से 2000 तक निसार अहमद, 2000 से 2005 तक सिराजुल निशा चुनी गई। 2005 से 2006 तक सुपरशीट 2006 से 2011 तक मुजीबुल हसन अध्यक्ष रहे। उसके बाद 2011 व 2012 में सुपरशीट हो गयी। 2012 से 2017 तक मुजीबुल हसन उसके बाद 2018 में नगर की जनता शाहजहाँ बानो को अध्यक्ष चुना।
भाजपा के बागियों की वजह से मुरझाया कमल
नगर पंचायत की सीमा विस्तार के बाद 4 नई ग्राम पंचायत जुड़ने के बाद इस बार इस सीट पर बीजेपी की जीत पक्की मानी जा रही थी। लेकिन भाजपा के बागियों ने ऐसी चाल चली की बीजेपी यहां तीसरे नंबर पर पहुंच गई। यहां पर बीजेपी विधायक बावन सिंह के भाई तिरपन सिंह की पत्नी कमलेश निर्दल प्रत्याशी की रूप में अपनी किस्मत आजमा रही थी। इनको कुल 1438 मत मिले। जबकि बीजेपी प्रत्याशी अर्जुन तिवारी को 1518 मत मिले। यहां निर्दल प्रत्याशी भले ही चुनाव जीत नहीं सके। लेकिन उन्होंने चुनावी मैदान में यह साबित कर दिया कि उनमें भी दम है। यहां पर सपा प्रत्याशी शमा परवीन को 3268 मत मिले इन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी निर्दल प्रत्याशी निसार अहमद 1332 मतों से पराजित किया। निसार 1968 मत पाकर दूसरे स्थान पर रहे। जबकि बीजेपी प्रत्याशी अर्जुन तिवारी तीसरे स्थान पर पहुंच गए।
Author: samachar
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