दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
प्रयागराज में चर्चित उमेश पाल हत्याकांड में वांछित पांच लाख के इनामी शूटर गुड्डू मुस्लिम के आपराधिक इतिहास का चंबल से सटे इटावा से भी नाता है, जहां 90 के दशक में इस दुर्दांत अपराधी ने अपने साथियों के साथ एक कैदी पर गोलीबारी की थी, जिसमें एक सिपाही की मृत्यु हो गयी थी।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि जिले के सिविल लाइन इलाके के अंबेडकर चौराहे पर 30 अप्रैल 1997 को पुलिस अभिरक्षा में जिला जेल से विचाराधीन कैदी प्रवीण कुमार उर्फ बॉबी को रिक्शे से अदालत में पेश करने के लिए ले जाया जा रहा था कि कार सवार बदमाशों ने बॉबी पर बम और गोलियों से हमला किया। इस घटना में कैदी तो बाल-बाल बच गया, लेकिन पुलिस का एक सिपाही रामजतन शहीद हो गया था जबकि आर्म्स पुलिस का एक अन्य जवान नंदराम गंभीर रूप से घायल हो गया था।
कांस्टेबल नंदराम की तहरीर पर सिविल लाइन थाने में अपराध संख्या 117 धारा 307,302 और 120 बी के तहत मामला दर्ज कराया गया। सिविल लाइन थाने के तत्कालीन थाना प्रभारी रूकुम सिंह ने मामले की जांच की और 26 सितंबर 1997 को अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिया जिसमें विचाराधीन कैदी प्रवीण कुमार उर्फ बॉबी के बड़े भाई सुनील यादव और अशोक के साथ साथ बाबी को बमबाजी और गोली बारी में षड्यंत्र का आरोपी बनाया गया।
पुलिस रिकॉर्ड में ऐसा लिखा है कि बॉबी ने खुद को सुरक्षा प्रदान करने के लिए इस तरह का कातिलाना हमला करवाया था। पुलिस सूत्रों ने बताया कि अंबेडकर चौराहे पर बम बाजी और गोलीबारी की घटना को गुड्डू मुस्लिम ने अपने समर्थकों के साथ अंजाम दिया था। बमबाजी और गोलीबारी की इस घटना में पूर्वी उत्तर प्रदेश के एक माफिया का नाम चर्चा में आया था, लेकिन पुलिस अफसरों ने इस नाम पर कार्यवाही की कोई रुचि नहीं दिखाई, परिणाम स्वरूप चर्चा में आए किसी माफिया का नाम पुलिस के रिकॉर्ड में शामिल नहीं हो सका।
यूपी एसटीएफ अधिकारी इस बात का दावा करते है कि 1998 में गुड्डू मुस्लिम से लखनऊ में पीटर गोम्स की हत्या के मामले में पूछताछ हुई थी उस समय उसने कई राज खोले थे। पूछताछ के दौरान गुड्डू मुस्लिम ने बताया था कि उसने 1997 में इटावा सिविल लाइन में एक रिटायर्ड पुलिस अधिकारी के भाई की हत्या करने वाले पर बम से हमला किया था। इस मामले में गुड्डू मुस्लिम ने अपने साथ दो माफियाओं के साथ होने की बात भी स्वीकार की थी। इस हमले के लिए उसे पुलिस अधिकारी के बेटे ने पिस्टल और रिवाल्वर दी थी। बमबाजी में मौजूदा समय का सफेदपोश बाहुबली घायल हुआ था। उसका इलाज पुलिस अधिकारी के बेटे ने लखनऊ में कराया था। ऐसे में अब यहां यह बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि गुड्डू मुस्लिम का नाम 1997 में हुए बमबाजी की जिस घटना में सामने आ रहा है उस समय उनको कौन इटावा तक इस कांड को अंजाम देने के लिए लाया, जिसके बाद इटावा में यह सनसनीखेज वारदात अंजाम दी गई। जब गुड्डू मुस्लिम पुलिस की जद में आएगा तो उससे इस वारदात के बारे में भी जानकारी हासिल की जा सकती है।
Author: samachar
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