हरीश चंद्र गुप्ता की रिपोर्ट
कांकेर: छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में ठगी का एक अनोखा मामला सामने आया है। फिल्म बंटी और बबली की तर्ज पर पति-पत्नी ने युवाओं से 21 लाख रुपए ठग लिए और मौके से फरार हो गए। जिले के युवक-युवतियों को विभिन्न विभागों में नौकरी दिलाने का झांसा देकर पति पत्नी ने 21 लाख 50 हजार रुपए की ठगी की। बड़ी बात ये है युवक और युवतियों को ज्वाइनिंग लेटर भी जारी कर दिया। बताया जा रहा है कि कोंडागांव जिले के बहीगांव के रहने वाले दंपती ने युवाओं से खुद को शासकीय कर्मचारी बताया और उन्हें सरकारी नौकरी देने का झांसा दिया। जब युवक और युवती झांसे में आ गए तो उन्होंने इनके साथ ठगी की।
पीड़ित युवक और युवतियों ने मामले की शिकायत पुलिस में की है। पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। फिलहाल पति-पत्नी मौके से फरार हैं और अभी तक पुलिस के पास उनकी कोई जानकारी नहीं है। बहीगांव के करण कुमार ने अपने आपको डिप्टी रेंजर और अपनी पत्नी दुलेश्वरी को कलेक्टर ऑफिस में बाबू बताया था।
चपरासी के पद पर निकाली भर्ती
इसके बाद दोनों ने चपरासी के लिए 175 पदों पर भर्ती निकाली। नौकरी दिलाने के नाम पर कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर, दुर्गूकोंदल और अंतागढ़ क्षेत्र लोगों को पहले अपने झांसे में लिया फिर बैंकों के माध्यम से लगभग बीस लाख रुपए की ठगी की। ठगी का शिकार हुए युवकों को बकायदा पोस्ट ऑफिस के माध्यम से फर्जी नियुक्ति पत्र भी भेजा गया। नियुक्ति पत्र को लेकर जब ऑफिस पहुंचे तो इस लेटर को फर्जी बताया गया।
क्षेत्र के अन्य युवाओं को भी फंसाया
युवाओं ने कलेक्टर एसपी से शिकायत पत्र में बताया है कि आरोपियों ने अपने आप को डिप्टी रेंजर, कृषि विभाग का बाबू और कलेक्टर कार्यालय का बाबू बताया था। उन लोगों ने जिले के अंतागढ़ निवासी सुरेश सलाम से 5 लाख, आंधेवाड़ा निवासी प्रीतम पटेल से 3 लाख, भैंसासुर निवासी हेमकला से 1.50 लाख, भानुप्रतापपुर निवासी साधना हिचामी से 2 लाख, आंधेवाड़ा निवासी उत्तम पटेल से 2.20 लाख और भानुप्रतापपुर निवासी भूवन भुवार्य से 8 लाख रुपए लिए। युवकों ने पुलिस अधीक्षक कांकेर से मुलाकात कर अपना पैसा वापस दिलाने और करण कुमार एवं दिनेश्वरी पर कड़ी कार्यवाही करने की मांग की है।
पीड़ित भुवन भुवार्य ने बताया कि आरोपियों ने उन लोगों से पैसे ले लिए। 17 जनवरी, 2023 तक नौकरी लगाने का वादा किया था। जिसके कारण पिड़ित अपने साथ हुए ठगी का जिक्र किसी के साथ नहीं किए थे। उन लोगों को फर्जी नियुक्ति पत्र भी दे दिया था। जब हम संबधित विभाग में ज्वाइन लेटर लेकर पहुंचे तो पता चला की यह लेटर फर्जी है। कांकेर टीआई शरद दुबे ने बताया कि पूरे मामले की जांच जारी है।
Author: samachar
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