प्रशांत झा की रिपोर्ट
पटना: यूपी के प्रयागराज में जिस तरह से माफिया डॉन पूर्व सांसद अतीक अहमद और उसके भाई पूर्व विधायक अशरफ की हत्या (Atique Ahmed Arshad Murder News) की गई उससे बिहार में सियासी माहौल गरमाया हुआ है। पुलिस कस्टडी में कैमरे के सामने हुए इस हत्याकांड पर पप्पू यादव ने गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने सीधे तौर पर इसके लिए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधा है। एक ट्वीट में पूर्व सांसद और JAP मुखिया पप्पू यादव (Pappu Yadav) ने कहा कि ‘वक्त तुम्हारा है, खूब करो नंगा नाच’।
पप्पू यादव ने हत्याकांड पर उठाए सवाल
अतीक अहमद और अरशद की हत्या को लेकर जन अधिकार पार्टी के मुखिया पप्पू यादव ने बैक टू बैक कई ट्वीट किए। सबसे पहले शनिवार रात 11.38 पर पप्पू यादव यादव ने पहला ट्वीट किया। इसमें उन्होंने लिखा- ‘जब गैंग सत्ता पर काबिज हो जाता है तो रामराज नहीं आता, गैंगवार होता है। संविधान का एनकाउंटर कर पुलिस को राजनीति के लिए सुपारी किलर बना दिया जाता है तो वही नंगा नाच होता है जो इलाहाबाद में अभी हुआ है!’
JAP नेता ने बैक टू बैक ट्वीट से उठाए सवाल
JAP मुखिया ने अगला ट्वीट देर रात 12.33 पर किया। इसमें उन्होंने लिखा, ‘सत्ता संरक्षित प्रायोजित आतंकवाद का इससे बड़ा कोई उदाहरण हो सकता है?’ फिर देर रात 1.21 पर पप्पू यादव ने अगला ट्वीट किया। उन्होंने इस ट्वीट में कहा- ‘पांच साल के पाप से बचने के लिए पुलवामा 40 जवानों की शहादत की जवाबदेही पर जवाब न सूझा। फिर अतीक, अशरफ और कानून व्यवस्था का नरसंहार। वक्त तुम्हारा है, खूब करो नंगा नाच समय आने पर कुदरत करेगा तुम्हारा भी इंसाफ!’
अतीक अहमद और अरशद की हत्या से हड़कंप
यही नहीं पप्पू यादव ने अतीक अहमद और अरशद की हत्या को लेकर रविवार सुबह 7.42 पर भी एक ट्वीट किया। इसमें उन्होंने कहा- ‘उन रक्तपिपासु एंकर-एंकरांओं से पूछना चाहता हूं अतीक बंधुओं की हत्या करने वाले आतंकवादियों की भी गाड़ी पलटने की मांग करेंगे क्या? क्या उनके एनकाउंटर के लिए भी माहौल बनाएंगे क्या? जिस सरकार का कोई इकबाल न होता है, व्यवस्था चरमराई होती है वह एनकाउंटर का एडवेंचर खेल सच छुपाती है।’
‘UP में जंगलराज है या कानून का राज?’
पप्पू यादव ही नहीं आरजेडी और जेडीयू ने भी प्रयागराज में हुए अतीक-अरशद हत्याकांड पर सवाल खड़े किए। आरजेडी प्रवक्ता शक्ति सिंह ने ट्वीट किया कि ‘पुलिस कस्टडी और कैमरे की निगरानी में अतीक अहमद सहित ब्रदर की शूटर द्वारा हत्या की जाती है और पार्टी विशेष के नारे लगाए जाते हैं। यह UP पुलिस की विफलता मानूं या संरक्षण। क्या ये मानवाधिकार का उल्लघंन नहीं?
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."