राकेश तिवारी की रिपोर्ट
रामपुर। स्वार विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए ऐलान हो चुका है। 10 मई को स्वार में मतदान है। लेकिन अभी तक इस सीट पर किसी भी पार्टी ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है। इस सीट पर प्रत्याशी के लिए भाजपा और अपना दल के बीच मंथन जारी है। क्योंकि पिछले विधानसभा चुनाव में यह सीट अपना दल को दी गई थी। अपना दल प्रत्याशी नवाब हैदर अली खान उर्फ हमजा मियां ने यहां से चुनाव लड़ा था, लेकिन वह चुनाव हार गए थे और सपा के अब्दुल्ला आजम यहां से चुनाव जीत गए थे।
दरअसल, यह सीट सपा नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम को 15 साल पुराने एक आपराधिक केस में दो साल की सजा होने के बाद खाली हुई थी। इस कारण अब्दुल्ला आजम की विधायकी चली गई थी। इस सीट पर अब 10 मई को उपचुनाव होना है। अपना दल के नेता यह चाहते हैं कि बीजेपी इस सीट को अपना दल के लिए छोड़ दे। वहीं, बीजेपी यहां अपना प्रत्याशी खड़ा करना चाहती है।
पिछले महीने सीएम योगी से मिली थीं जयाप्रदा
बीजेपी यहां रामपुर की पूर्व सांसद जया प्रदा पर बीजेपी सियासी दांव लगा सकती है। इस बात के कयासों को उस वक्त बल मिला जब बीजेपी नेता जया प्रदा ने मार्च में सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी।
सूत्रों के मुताबिक यह सीट गठबंधन के मुताबिक अपना दल को ही मिलने वाली है और माना यह जा रहा है कि नवाब हैदर अली खान उर्फ हमजा मियां प्रत्याशी होंगे। अब देखना यह होगा कि इस बार स्वार विधानसभा सीट पर बीजेपी अपना प्रत्याशी खड़ा करती है या फिर गठबंधन धर्म निभाते हुए यह सीट अपना दल के लिए छोड़ती है।
ये हो सकती हैं सपा प्रत्याशी
समाजवादी पार्टी की तरफ से भी प्रत्याशी कौन होगा यह भी अभी साफ नहीं हुआ है। अदालत से सजा होने के कारण अब न तो आजम खान और न ही उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान स्वार सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। वहीं, आजम खान की पत्नी तंजीन फात्मा का सेहत खराब रहता है, जिसके कारण उनके चुनाव लड़ने की संभावना कम है। राजनीतिक सूत्रों का कहना है कि ऐसे में आजम खान की बहू सिदरा अदीब स्वार सीट से चुनाव लड़ सकती हैं। ऐसी चर्चा इसलिए है कि वह पहले भी चुनाव में उतरने की इच्छा जता चुकी हैं। यूपी विधानसभा चुनाव से पहले सिदरा अदीब ने एक सवाल के जवाब में कहा था कि वह बिल्कुल रामपुर की खिदमत करेंगी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर सबकी नजर
फिलहाल स्वार विधानसभा सीट पर उपचुनाव को लेकर सबकी निगाहें इलाहाबाद हाईकोर्ट की तरफ लगी हुई हैं, क्योंकि इलाहाबाद हाईकोर्ट में अब्दुल्ला आजम की सजा के मामले में फैसला आना बाकी है।
अगर अब्दुल्लाह आजम के हक में इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला आ जाता है तो फिर स्वार विधानसभा पर उपचुनाव रुक जाएंगे, लेकिन अगर फैसला अब्दुल्लाह आजम के खिलाफ हुआ तो यहां उपचुनाव के लिए 10 मई को ही मतदान होगा।
Author: samachar
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