दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
लखनऊ: उत्तर प्रदेश प्रदेश के नगर निगम वाले क्षेत्रों या कहें बड़े शहरों में आरक्षित वर्गों से कहीं अधिक सामान्य वर्ग की आबादी है। इसका सीधा फायदा सत्ता में बैठी भारतीय जनता पार्टी को मिल सकता है। सामान्य वर्ग के वोटर को बीजेपी का कोर वोटर माना जाता है। ब्राह्मण, क्षत्रिय, बनिया (वैश्य), पंजाबी खत्री, राजपूत मुख्य रूप से जनरल में आती हैं। वहीं निकाय चुनाव में महिला वोट बैंक पर कब्जा बरकरार रखने के लिए उन्हें पहले से ज्यादा प्रतिनिधित्व देने की रणनीति है। आइए आबादी के प्रतिशत से समझते हैं..
उत्तर प्रदेश में इस बार मेयर की 17 सीटों के लिए मतदान होगा। इससे पहले 2017 में 16 सीट के लिए यह चुनाव हुआ था। शाहजहांपुर में पहली बार मेयर का चुनाव होना है। वहीं नगर पालिका परिषद 200 और नगर पंचायत की 546 सीटों पर अध्यक्ष का चुनाव होना है।
सामान्य वर्ग की संख्या ज्यादा
लखनऊ और कानपुर की बात करें तो इन दोनों शहरों में सामान्य जाति की आबादी 68 फीसदी है। इनकी अपेक्षा पिछड़े वर्गों की संख्या कम है। फिरोजाबाद में 39 तो सहारनपुर में 37 फीसदी पिछड़ों की आबादी है। बरेली नगर निगम क्षेत्र में एससी की सबसे कम मात्र सात फीसदी ही हैं।
यूपी सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश के आधार पर उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्गआयोग की रिपोर्ट को सार्वजनिक कर दिया है। पिछड़ा वर्ग आयोग ने कुछ संस्थानों की सहायता सेशहरी क्षेत्रों में निवास करने वाली जातियों के संख्या के बारे में ब्यौरा एकत्र किया है।
क्या कहता है आबादी का गणित
जातिगत जनगणना न होने की वजह से जातिगत आंकड़ों की जानकारी अभी तक लोगों को नहीं थी। रिपोर्ट आने के बाद किस शहर में किस वर्ग के कितने लोग रहते हैं, इसका पता चलता है।
नगर निगम एससी फीसदी एसटी फीसदी ओबीसी फीसदी सामान्य फीसदी
झांसी 21.83 0.33 32.08 45.77
कानपुर 12.33 0.11 18.74 68.82
मथुरा-वृंदावन 17.57 0.08 26.25 56.04
मुरादाबाद 10.45 0.22 25.37 64.10
मेरठ 21.82 0.39 36.82 46.74
फिरोजाबाद 12.33 15.82 0.12 43.89
प्रयागराज 17.57 7.02 19.56 64.78
शाहजहांपुर 10.45 0.12 37.02 47.82
सहारनपुर 16.22 15.82 0.40 45.16
वाराणसी 16.61 7.02 25.87 48.65
अयोध्या 14.20 0.12 21.84 56.75
आगरा 23.54 8.16 22.29 34.69
अलीगढ़ 21.34 0.03 20.84 59.30
गाजियाबाद 16.85 0.18 14.56 54.25
लखनऊ 16.68 0.20 18.86 68.00
बरेली 7.87 0.31 29.38 62.44
गोरखपुर 9.90 0.38 34.42
कैसा रहा है बीजेपी का प्रदर्शन
2017 में भाजपा ने नगर निगम चुनाव में बेहतर प्रदर्शन किया था। नगर निगम की 16 में से 14 सीटों पर भाजपा के मेयर चुने गए थे। दो सीटों पर बसपा के मेयर बने थे। हालांकि, नगर पालिका और नगर पंचायत में जरूर पार्टी को झटका लगा था। यही कारण है कि इस बार पार्टी ने नगर निगम के साथ-साथ नगर पालिका और नगर पंचायत चुनाव जीतने के लिए भी कमर कस ली है। इस बार नगर निगम में 16 की बजाय 17 सीटें हैं। इस बार शाहजहांपुर को भी नगर निगम का दर्जा मिल गया है। पार्टी की कोशिश है कि सभी 17 सीटों पर भाजपा के ही मेयर चुने जाएं।
नगर निगम वाले क्षेत्रों को बड़े शहरों का दर्जा प्राप्त
नगर विकास विभाग द्वारा सार्वजनिक की गई इस रिपोर्ट में जातिगत जो टैली दी गई है उसके मुताबिक प्रदेश के नगर निगम वाले 17 शहरों झांसी, कानपुर, मथुरा-वृंदावन, मुरादाबाद, मेरठ, फिरोजाबाद, प्रयागराज, शाहजहांपुर, सहारनपुर, वाराणसी, अयोध्या, आगरा, अलीगढ़, गाजियाबाद, लखनऊ, बरेली व गोरखपुर का जातिगत आबादी के बारे में विस्तार से चर्चा की गई है। नगर निगम वाले क्षेत्रों को बड़े शहरों का दर्जा प्राप्त हैं।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."