कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में आम की फसल पर मौसम की मार पड़ी है। आंधी, ओले और बेमौसम बारिश ने आम के मंजर के साथ-साथ मैंगो फार्मर्स के चेहरे भी काले कर दिए हैं। आम के किसान हैरान हैं। उनकी परेशानी लगातार बढ़ी हुई है। मौसम का रुखापन झेल रहे किसान अब इस प्रकार की स्थिति में भविष्य को लेकर चिंतित दिख रहे हैं। मैंगो मैन के नाम से मशहूर कलीमुल्लाह खान कहते हैं कि हमने अपने पूरे जीवन में आम की फसल पर मौसम की इस प्रकार की मार कभी नहीं देखी। आम की फसल के मुफीद मौसम था। लेकिन, अचानक मार्च के दूसरे पखवाड़े में जिस प्रकार से बेमौसम बारिश और ओले पड़े, उसने आम के कपोलों में खिले फूल (मंजर) और उससे निकलते टिकोलों के साथ-साथ किसानों की उम्मीदों को भी धराशायी कर दिया। आंख के कोरों में आंसुओं को छिपाते किसान इस साल आम की फसल से होने वाली संभावित कमाई पर अपना दुख भी ठीक से जता नहीं पा रहे।
सबसे अधिक आम की फसल प्रभावित
फलों के राजा आम पर अपनी जानकारी के लिए देश-दुनिया में पहचान बनाने वाले मैंगो मैन कलीमुल्लाह खान कहते हैं कि बेमौसम बारिश और ओलों ने रबी फसल को नुकसान पहुंचाया है। लेकिन, आम की फसल सबसे अधिक प्रभावित हुई है। आम की फसल को इस साल सबसे अधिक नुकसान हुआ है। बेमौसम बारिश ने आम के पेड़ों से फूल गिरा दिए हैं। वे कहते हैं कि जो बच गए हैं, उन्हें भी अप्रत्याशित मौसम के प्रकोप का सामना करना पड़ सकता है। माना जा रहा है कि जल्द ही प्रदेश में एक बार फिर मौसम बदल सकता है। आंधी, पानी और ओले पड़ने के अनुमान हैं।
कलीमुल्लाह कहते हैं कि फसलों को जिस प्रकार की क्षति पहुंची है, उसको देखते हुए कहा जा सकता है कि इस साल यह फल कम मात्रा में बाजार में आएगा। यह स्थिति आम को पसंद करने वालों को दुखी कर सकती है। बाजार में मिलने वाले आमों को खरीदने के लिए लोगों को इस बार अधिक पैसे खर्च करने पड़ सकते हैं। मैंगो मैन अभी से ही इस प्रकार की भविष्यवाणी कर रहे हैं।
मौसम था शानदार
कलीमुल्लाह कहते हैं कि आम की फसल शानदार थी। इतना बढ़िया मौसम था। शानदार फूल दिखे थे। इससे लगा रहा था कि इस बार आम की फसल शानदार होगी। लेकिन, अब देखिए फूल काले पड़ चुके हैं। आम की एक फली यानी टिकोले को तोड़कर दिखाते हुए वे बताते हैं कि इसमें दिल नहीं है। मौसम की मार का यह असर है। दिल नहीं होने के कारण ये फलियां आने वाले दिनों में अधिक टिक नहीं पाएंगी।
माल-मलिहाबाद बेल्ट में सबसे अधिक प्रभाव
बेमौसम बारिश और ओले ने आम की फसल को सबसे अधिक प्रभावित किया है। पूरे प्रदेश में करीब एक चौथाई फसल बर्बाद होने का दावा किया जा रहा है। वहीं, माल-मलिहाबाद बेल्ट में तो 35 फीसदी फसल के बर्बाद होने की बात कही जा रही है। यूपी में सबसे अधिक आम इसी क्षेत्र से आता है। आम की फसल पर मौसम की मार से इसका उत्पादन प्रभावित होने का अनुमान जताया जा रहा है। दरअसल, आम की फसल पर मौसम की मार का आकलन करने के लिए वैज्ञानिकों की टीम ने सर्वे किया है।
टीमों की जांच में मामला सामने आया है कि बाराबंकी, बिजनौर, सीतापुर, बुलंदशहर, शामली, वाराणसी, शाहजहांपुर, कुशीनगर, मुजफ्फरनगर में भी मौसम की मार के कारण 25 फीसदी तक फसल प्रभावित हुई है। दरअसल, यूपी की हिस्सेदारी देश के आम उत्पादन का करीब 23.5 फीसदी है। ऐसे में अगर यहां आम की फसल प्रभावित होती है तो देश में इसका असर दिखेगा।
मलीहाबाद में है अब्दुल्लाह नर्सरी
लखनऊ के मलीहाबाद इलाके में अब्दुल्लाह नर्सरी है। कलीमुल्लाह खान को उनके आम के ज्ञान को लेकर पद्मश्री से सम्मानित किया जा चुका है। एक पेड़ में 360 से अधिक आमों का अविष्कार करने वाले हाजी कलीमुल्लाह का नाम लिमका बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है। इस साल मौसम की मार के बाद अब्दुल्लाह नर्सरी की रौनक फीकी दिख रही है।
Author: samachar
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