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November 22, 2024 6:31 pm

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फर्जी दस्तावेज से सरकारी स्कूल में बन गए शिक्षक, पांच साल में डेढ़ करोड़ उठा लिया वेतन, अब क्या होगा? पढ़िए इस खबर को

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

बुलंदशहर: फर्जी दस्तावेजों से नौकरी पाने वाले पांच शिक्षकों को बुलंदशहर के बीएसए ने बर्खास्त कर दिया है। साथ ही पांचों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के निर्देश भी जारी कर दिए हैं। पांचों शिक्षकों से वेतन भुगतान के लगभग डेढ़ करोड़ रुपये की रिकवरी भी की जाएगी। बर्खास्त किए गए शिक्षक पिछले 8 साल से प्राथमिक विद्यालयों में नौकरी कर रहे थे। बेसिक शिक्षा अधिकारी बीके शर्मा ने बताया कि एसटीएफ से बुलंदशहर जनपद के अलग-अलग विद्यालयों में सेवारत 5 शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी होने की सूचना मिली थी। पांचों शिक्षक जिन बीटीसी के प्रमाण पत्रों पर नौकरी कर रहे थे वह मीना देवी, पूनम कुमारी, अनीता व साधना नाम की महिलाओं के पाए गए।

यूपी परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय से मामले की सत्यापन रिपोर्ट मंगाई गई थी। उसमें भी बीटीसी की अंकतालिका में अभ्यर्थियों के नाम महिलाओं के अंकित थे, जिन पर पुरुष शिक्षक नौकरी कर रहे हैं। आरोपी शिक्षकों ने जालसाजी कर प्रमाण पत्रों में नाम बदलकर वर्ष 2014 में सहायक अध्यापक की नौकरी प्राप्त कर ली थी। बुलंदशहर के बीएसए बीके शर्मा ने बताया कि महिला अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों पर नौकरी करने वाले पांचों शिक्षकों को बर्खास्त करने के बाद एफआईआर कराई जा रही है। आरोपी शिक्षकों से लगभग डेढ़ करोड़ रुपए की वेतन रिकवरी भी की जाएगी।

इन पर हुई कार्रवाई

दानपुर विकास खंड में तैनात शिक्षक विनय कुमार और योगेश कुमार, अनूपशहर विकास खंड में तैनात सहायक अध्यापक विकेश चंद, सिकंदराबाद विकास खण्ड में तैनात सहायक अध्यापक अरुण कुमार, व पहासू विकास खण्ड में तैनात विकास कुमार को बर्खास्त किया गया है, बर्खास्त शिक्षकों के शैक्षिक दस्तावेज फर्जी पाए गए।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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