आनंद शर्मा की रिपोर्ट
उनियारा. प्रजातंत्र में राजशाही का नजारा देखना हो तो आपको उनियारा आना पड़ेगा जहा कुछ जन प्रतिनिधियों और राजसेवको ने इसे हिटलर के राज्य में तब्दील कर रखा है.
पहले तो अनुचित रूप से एक गरीब का आवास योजना से नाम काटा गया फिर महीनो तक उसे एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय सूचना के लिए भटकाया गया. जब वो हार कर धरने और अनशन पर बैठा तो उच्चाधिकारियों के दबाव के चलते समझौते के नाम पर उसे छला गया और फिर संबंधित पक्ष उस समझौते से ही मुकर गया.
पीड़ित शिवराज मीना ने बताया की वह एक गरीब परिवार का व्यक्ति है और अपने परिवार के साथ बिलोता ग्राम पंचायत के साहदत नगर में निवास कर रहा है. उसका नाम 2018 से प्रधान मंत्री आवास 2021 तक प्रधानमंत्री आवास योजना सूची में था जिसे ग्राम पंचायत बिलोता द्वारा अवैधानिक तरीके से काट दिया गया. जब प्रार्थी ने इसका कारण जानना चाहा तो उचित जवाब नहीं देकर एक वर्ष तक मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया. जब वो इसके विरुद्ध न्याय के लिए पंचायत समिति मुख्यालय अलीगढ़ पर 14 से 18 दिसंबर तक धरने और 19 दिसंबर से अन्नशन पर बैठा रहा तो विकास अधिकारी उनियारा प्रधान प्रतिनिधि, सर्व समाज प्रतिनिधियों द्वारा 5 सूत्री मांगो में से 2 को सशर्त मानते हुए अनशन तुड़वाया गया था परंतु जब प्रार्थी द्वारा आवास निर्माण की दूसरी किस्त मांगी गई तो मना कर दिया गया और पूर्व में दिए गए 15 हजार रुपए भी वापस मांगे गए. हार कर में पुनः 20 फरवरी से एस डीएम कार्यालय उनियारा पर धरने पर बैठा हुआ है और आज 23 फरवरी से समस्या के समाधान होने तक अनशन (केवल अन्न त्याग ) प्रारंभ कर रहा है.
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."