आर के मिश्रा की रिपोर्ट
गोंडा। जिले के मुजेहना ब्लाक अंतर्गत आनेवाला दुलहापुर बनकट पंचायत में ग्राम पंचायत की जमीन जो औदानपुरवा सरकारी गोदाम के बगल में गाटा संख्या 1608 अवस्थित है, पर सरेआम कब्जा कर उसपर भवन निर्माण कार्य शुरू किए जाने की खबर मिली है।
बताते चलें कि पिछले दो सत्रों की प्रधानी में पंचायत के निवासी राजबहादुर सिंह का शत प्रतिशत दबदबा कायम है। इसमें उनका सहयोग अधिकारी भी करते आ रहे हैं जिसके दम पर इनके तेवर किसी तानाशाह से कम नहीं। इनके विरुद्ध चाहे मीडिया चीख पड़े या पंचायत की आवाम आवाज़ उठाए लेकिन इनका बाल भी बांका नहीं कर पा रहे हैं कोई। यही कारण है कि इनकी लूट खसोट दिन ब दिन वहशियाना रुख अख्तियार करता जा रहा है। आज इनके द्वारा क्षेत्र पंचायत सदस्य कल्लू पुत्र ननकू को साथ लेकर ग्राम पंचायत की जमीन पर निजी भवन निर्माण की शुरुआत उक्त बातों का जिंदा सबूत है।
ज्ञात हो कि राजबहादुर सिंह वर्तमान प्रधान का स्वघोषित प्रधान प्रतिनिधि न सिर्फ बताते हैं बल्कि कागजी कार्यवाही भी इनके द्वारा ही निष्पादित किया जाता रहा है। आखिर देश के संविधान को पलीता लगाने का हक और हिम्मत इनको कहां से मिल रही है? इस सवाल का जवाब पंचायत की जनता आज तक खोज ही रही है लेकिन कामयाब नही हो रही।
राजबहादुर सिंह एक दबंग टाइप के व्यक्ति हैं और इनके बेटे जो अपने आप को भी प्रधान प्रतिनिधि बताते हैं, के उद्दंडतापूर्वक व्यवहार के चलते पंचायत के संभ्रांत वर्ग के लोग ज्यादा पूछताछ करने से गुरेज करते हैं। इनके दो ईंट के भट्ठे और एक बिल्डिंग निर्माण सामग्री की दूकान सिर्फ पंचायत समिति के द्वारा संपादित निर्माण कार्य की बदौलत चल रही है। इनके भट्ठे से निकलने वाली तमाम पीले ईंटों को पंचायत में सड़क निर्माण या अन्य किसी भी तरह के निर्माण में एक नंबर ईंट की जगह इस्तेमाल किया जाता है। यहां पर यह भी सवाल उठाया जा रहा है कि क्या सरकारी अधिकारी इस मामले को कभी संज्ञान में नहीं लिया तो क्यों?
चाहे मामला सरकारी भवन निर्माण या मरम्मत का हो या पंचायत में सड़क निर्माण का, नाली या अन्य सरकारी योजनाओं के साथ पंचायत में कोई भी काम हो राजबहादुर सिंह और उनके बेटे दोनों ही मिलकर सरकारी कार्यवाही को अंजाम दिया करते हैं और असली प्रधान को किसी प्रकार की कोई जानकारी नहीं होती।
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राजबहादुर सिंह द्वारा ग्राम पंचायत की जमीन पर सरेआम कब्जा कर भवन निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है, जब इस संबंध में लेखपाल से पूछा गया तो उनका जवाब था कि ‘जानकारी मिली है लेकिन अभी समयाभाव के कारण मैंने कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की है।’
सवाल यह उठता है कि अवैध निर्माण कार्य की जानकारी लेखपाल को है तो उनका यह बयान क्या जता रहा है? यह तहकीकात का मुद्दा है।
ज्ञात हो कि पंचायत के प्यारे, पुत्र छोटकऊ, निवासी औदानपुरवा (अनुसूचित जाति/चमार) ने एसडीएम और जिलाधिकारी से इस बारे में मिलकर एक आवेदन भी दिया । उन्हें आश्वासन दिया गया है कि इस पर शीघ्र ही कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
Author: samachar
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