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November 23, 2024 2:26 am

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अंतर्राष्ट्रीय पटल पर चमक रही तिंदवारी की प्रतिभा

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देवेन्द्र श्रीवास्तव की रिपोर्ट 

तिंदवारी। भारतीय मूल के डॉक्टर अशोक नासा इंजीनियरिंग एवम् सेफ़्टी रिव्यू बोर्ड के सदस्य बनाये गये। उनकी इस कामयाबी पर समूचे खेत में हर्ष की लहर दौड़ गई लोगों ने बधाई देकर सम्मानित किया।

तिंदवारी कस्बा निवासी चुनूबाद प्रजापति के सुपुत्र डॉ० अशोक प्रजापति को मकर सक्रांति को अमेरिका से घर आए हुए थे एक मुलाकात में उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले ही मंगल मिशन की रोबोटिक टीम के प्रमुख बनाये गये थे। नासा ने अब एक और बड़ी ज़िम्मेदारी दे दी है। इस नयी ज़िम्मेदारी से डॉ० अशोक का कार्य क्षेत्र और बढ़ गया है।

बताया कि २००३ की कोलम्बिया दुर्घटना के बाद, नासा इंजीनियरिंग एवम् सेफ़्टी रिव्यू बोर्ड का गठन किया गया था। इस घटना में राकेट लॉन्च के १० मिनट के बाद ही आसमान में बिस्फोट हो गया था। जिसमें राकेट सवार चार एस्ट्रोनाट मारे गये थे। उसके बाद से नासा का कोई मिशन बिना इस बोर्ड की मुहर के सम्पन्न नहीं होता। बोर्ड के सभी सदस्य अपने-अपने विषय के माहिर वैज्ञानिक हैं। जिसमें से रोबोट और साफ्टवेयर आर्किटेक्चर डॉ० अशोक की ज़िम्मेदारी में है। मंगल मिशन से लेकर चाँद में जाने तक, डॉ० अशोक प्रजापति की अहम भूमिका रहेगी। ये बुंदेलखंड सहित उत्तर प्रदेश एवं भारत के लिये बड़े गौरव की बात है।

कस्बे के विद्यालय में हासिल की शिक्षा

डॉ अशोक की शिक्षा सत्यनारायण इंटर कॉलेज तिंदवारी इंटर की परीक्षा एम एस एस रहमानिया इंटर कॉलेज मौदहा हमीरपुर बी टेक कंप्यूटर इंजीनियरिंग के एनआईटी सुल्तानपुर से एमटेक कंप्यूटर इंजीनियरिंग नेशनल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी दुर्गापुर बंगाल और आईआईटी कानपुर पीएचडी कंप्यूटर इंजीनियरिंग की पढ़ाई ऑकलैंड यूनिवर्सिटी अमेरिका से की तत्कालीन राष्ट्रपति मिसाइल मैन डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के साथ भी उन्होंने काफी कुछ सीखा। 

पारिवारिक पृष्ठभूमि

डॉक्टर अशोक के पिता राजगीर का काम करते रहे हैं। उन्होंने अपने इकलौती संतान अशोक की पढ़ाई लिखाई में कोई कोर कसर नहीं रखी डॉक्टर अशोक के पिता चुनूवाद बताते हैं की अशोक उनकी इकलौती संतान है। पढ़ाई लिखाई में बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि का था अशोक की मैदा देखकर उनके मन में आशा जगी कि वह एक दिन उनका और परिवार का और अपना नाम रोशन करेगा। मां सुमित्रा ग्रहणी है घर का काम काज मैं समय व्यतीत होता है पिता चुनूवाद ने बताया कि अवस्था को देखते हुए उन्होंने मेहनत मजदूरी का काम बंद कर दिया है बेटा डॉक्टर अशोक उनकी देखरेख काफी अच्छी तरीके से करता रहता है। जब भी समय मिलता है वह उनके पास आकर ठहरता है बेटे की कामयाबी से पूरा परिवार खुश है।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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