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November 23, 2024 3:41 am

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निकाय चुनाव का बहिष्कार करने को क्यों तैयार हैं पटरी दुकानदार ? वीडियो ? देखिए

16 पाठकों ने अब तक पढा

राकेश तिवारी की रिपोर्ट 

गोरखपुर: यूपी के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के गृहनगर गोरखपुर में पटरी दुकानदार इन दिनों आक्रोशित हैं। उनका कहना है कि हमारी सुध लेने वाला कोई नहीं है। जो भी आता है, वही डंडा हांक कर चला जाता है। वे कभी इधर तो कभी उधर ठेला लेकर भागने की मजबूर है। आश्‍वासन के बावजूद अभी तक हमारे लिए कोई निश्चित स्थान तय नहीं किया गया है। अब हम मजबूर हैं और आगामी निकाय चुनाव का बहिष्कार करने को तैयार हैं।

जिस तरह नगर निकाय चुनाव को लेकर पार्टियों और प्रत्याशियों में सरगर्मी तेज है, उसी तरह आम लोगों में अपने कुछ मुद्दों को लेकर के भी रोष व्याप्त है और लोग ने अपने अपने तरीके से विरोध प्रदर्शन करना भी शुरू कर दिया हैं। इसी कड़ी में आज गोरखपुर की सड़कों पर पटरी दुकानदार निकाय चुनाव के बहिष्कार की तख्तियां लगा सड़क किनारे अपने ठेले पर बैठे दिखे। इन तख्तियों पर लिखा था-‘जो हमारी सुनेगा हम उसी को चुनेंगे नहीं तो चुनाव का बहिष्कार करेंगे।’

2017 में आई नियमावली पर अब तक नहीं मिली जगह

पटरी दुकानदारों के नेता संदीप मद्देसिया का कहना है कि प्रदेश में कुल 36000 स्ट्रीट वेंडर हैं, लेकिन हमारी सुनने वाला कोई नहीं है। 2014 में कानून बना और 2017 में नियमावली के बावजूद आज तक स्ट्रीट वेंडरों को कोई निश्चित स्थान नहीं दिया गया। हम यहां वहां सड़कों पर अपना व्यवसाय करने को मजबूर हैं जहां आए दिन हमें प्रशासन के डंडे का खौफ भी झेलना पड़ता है। गोरखपुर में अब तक कुल 3 वेंडर जोन बनाए गए हैं जिसमें अभी तक किसी को एलॉटमेंट नहीं दिया गया है।

‘और कोई दूसरा काम भी तो नहीं है, इसी से पेट पालना है’

महिला सब्जी विक्रेता सीमा चौहान कहती हैं कि बाबू हम लोग कहां जाएं? हम लोगों के लिए यही जीविकोपार्जन का साधन है। इसी से अपना और अपने परिवार का पेट पालना है। और कोई दूसरा काम भी नहीं है। हमारी मजबूरी है यहां सड़कों पर ठेला लगाते हैं। यदि सरकार की तरफ से हमें कोई निश्चित स्थान दे दिया जाए तो हम वही अपना व्यवसाय करेंगे।

‘जो हमारी सुनेगा, हम उसी को चुनेंगे’

पटरी व्यवसायी और फल विक्रेता शिव का कहना है कि अब बहुत हो चुका। सरकार की तरफ से जारी नियमावली में भी साफ लिखा हुआ है कि शहर की पॉपुलेशन का 2.5% हिस्‍सा स्ट्रीट वेंडरों के लिए सुनिश्चित किया जाएगा। बावजूद इसके हम सड़कों पर धक्का खाने को मजबूर हैं। बस हमारा यही कहना है जो हमारी सुनेगा हम उसी को चुनेंगे अन्यथा निकाय चुनाव का पूर्ण बहिष्कार करेंगे।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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