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November 1, 2024 5:04 pm

5 वीं बार टकराई वन्दे भारत एक्स्प्रेस – ट्रेन कमजोर नहीं है, गाय ज्यादा मजबूत हो गई है’

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कविता मिश्रा की रिपोर्ट 

गुजरात के गांधीनगर से मुंबई तक जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस एक बार फिर से हादसे की शिकार हुई है। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है बल्कि या पांचवी बार है कि वंदे भारत एक्सप्रेस से कोई मवेशी टकरा गया है। इसको लेकर सोशल मीडिया पर लोग खूब मजे लेते नजर आ रहे हैं तो वहीं कांग्रेस ने भी नरेंद्र मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कमेंट किया है।

पांचवी बार चोटिल हुई वंदे भारत एक्सप्रेस

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बीती रात गांधीनगर से मुंबई जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन गुजरात के वलसाड में मवेशी से टकरा गई। इस टक्कर के कारण वंदे भारत ट्रेन का अगला हिस्सा खुल गया। इसके साथ ही हादसे की वजह से ट्रेन को कुछ देर के लिए रोकना पड़ा।

कांग्रेस ने किया कटाक्ष

राजस्थान यूथ कांग्रेस के सोशल मीडिया हैंडल से इस घटना पर चुटकी लेते हुए लिखा गया कि, “वंदे भारत ट्रेन कमजोर नहीं है, गाय ज्यादा मजबूत हो गई है। वंदे भारत एक्सप्रेस पांचवीं बार हादसे का शिकार, गुजरात के वलसाड में ट्रैक पर गाय से टकराई।” कांग्रेस नेता शैलेंद्र चौधरी ने बीजेपी पर कटाक्ष कर कहा कि गौमाता बीजेपी को सद्बुद्धि दो, क्या वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन हड़बड़ी में तैयार की गई है? रोजाना इन हादसों की वजह क्या है?

लोगों की प्रतिक्रियाएं

तान्या यादव नाम की एक यूजर ने चुटकी लेते हुए लिखा कि सवारी की सुरक्षा से पहले तो ट्रेन की सुरक्षा का ध्यान रखना पड़ेगा, ट्रेन को अपना बीमा करवा लेना चाहिए। सरिता नाम की एक ट्विटर यूजर ने कमेंट किया, “जो रिश्ता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एंबुलेंस के साथ में है वही रिश्ता वंदे भारत एक्सप्रेस का गाय के साथ में है।” असलम शेख नाम के एक यूजर ने लिखा कि वंदे भारत ट्रेन कमजोर नहीं है बल्कि हमारे देश के पशु किसानों की फसल चरकर बहुत मजबूत हो गए हैं।

जानकारी के लिए बता दें कि गांधीनगर से मुंबई जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस का उद्घाटन करीब 2 महीने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। उद्घाटन के बाद से यह पांचवी बार हुआ है कि ट्रेन किसी मवेशी से टकराने की वजह से क्षतिग्रस्त हुई है। गौरतलब है कि इससे पहले 6 अक्टूबर को भैंसों के झुंड से टकरा जाने की वजह से वंदे भारत ट्रेन बुरी तरह से डैमेज हो गई थी।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."