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November 1, 2024 3:10 pm

ऐसे में कैसे पढ़ेंगी बेटियां… आखिर क्यों लड़कियां छोड़ रहीं पढ़ाई ?

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

हमीरपुर: उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में स्कूलों की अत्यधिक दूरी और साधन न होने की वजह से बारहवीं के बाद अठारह फीसदी लड़कियों की आगे की पढ़ाई छूट गई है। इतना ही नहीं तमाम ऐसी लड़कियां भी हैं, जो आर्थिक दिक्कतों के कारण बीच में ही पढ़ाई छोड़कर घर बैठ गई हैं। ऐसे में यहां एक संस्था ने बारहवीं के बाद घर बैठी छात्राओं को नियमित स्कूल भेजने और आगे की पढ़ाई पूरी करने के लिए बड़ी मुहिम छेड़ी है। संस्था ने तमाम शिक्षा सहेलियों को इस मुहिम में जोड़ा भी है, जो अकेले ही तीस गांवों में मुहिम चला रही है।

हमीरपुर में माध्यमिक शिक्षा विभाग के सौ से अधिक विद्यालय संचालित हैं। इनमें 95 विद्यालय मान्यता प्राप्त है। इसके अलावा 22 अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालय और तमाम राजकीय इण्टर कालेज भी संचालित हैं। जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में तैनात रहे सीनियर कर्मी श्रीवास्तव ने बताया कि इन विद्यालयों में करीब 62,000 विद्यार्थी पंजीकृत हैं, जिनमें 35 फीसदी छात्राएं विद्यालय में पढ़ती हैं। राजकीय इण्टर कालेज मुस्करा में अब सेवाएं दे रहे श्रीवास्तव ने बताया कि सुमेरपुर ब्लाक क्षेत्र के कारीमाटी, बड़ागांव व टिकरौली समेत कई गांवों में हाईस्कूल और इण्टर कालेज के विद्यालय नहीं है। जिले में दर्जनों गांव ऐसे है जहां की लड़कियों को बारहवीं की पढ़ाई के लिए गांव से कई किमी दूर जाना पड़ता है।

स्कूलों की अत्यधिक दूरी और साधन के अभाव में अठारह फीसदी लड़कियों की आगे की पढ़ाई भी बीच में छूट जाती है। समर्थ फाउन्डेशन के सचिव देवेन्द्र गांधी ने बताया कि संस्था ने गांवों में लड़कियों की शिक्षा को लेकर सर्वे कराया था। जिसमें अठारह फीसदी ऐसी लड़कियां मिलीं, जो स्कूलों की मानक से ज्यादा दूरी होने व साधन न होने के कारण पढ़ाई छोड़ घर बैठ गई हैं। बताया कि लड़कियों की बीच में पढ़ाई छोड़ने का ग्राफ भी यहां काफी नीचे गिरा है। जिसे लेकर संस्था ने अब लड़कियों को स्कूल भेजने के लिए मुहिम चलाई है। बताया कि शिक्षा सहेलियों की मुहिम से अब लड़कियों का मनोबल बढ़ने लगा है। स्कूल जाने के लिए साइकिलें मिली तो अब उनकी पढ़ाई भी पटरी पर आ गई है।

शिक्षा से जोड़ने को शिक्षा सहेलियों ने गांवों में डेरा डाला

गांवों में लड़कियों की शिक्षा को पटरी पर लाने के लिए कई सालों से जमीन पर काम कर रही समर्थ फाउन्डेशन संस्था ने बड़ी मुहिम छेड़ी है। संस्था के सचिव देवेन्द्र गांधी ने बताया कि बुन्देलखंड के हमीरपुर के अलावा जालौन, महोबा, ललितपुर, झांसी व बांदा सहित अन्य जिलों में लड़कियों को शिक्षा से जोड़ने के लिए शिक्षा सहेलियों को मुहिम में लगाया गया है। ये शिक्षा सहेलियां गांवों में लड़कियों को पढ़ने के लिए प्रेरित कर रही है।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."