सर्वेश द्विवेदी की रिपोर्ट
लखनऊ : गुजरात विधानसभा चुनाव के शोर और यूपी में उपचुनावों के जोर के बीच सीएम योगी आदित्यनाथ इसी महीने से प्रस्तावित निकाय चुनावों के लिए भी भाजपा की जमीन उर्वरा करने में लगे हैं। इसके लिए प्रबुद्ध सम्मेलनों के जरिए संवाद और सौगात को माध्यम बनाया जा रहा है।
चुनाव की घोषणा से पहले योगी की नजर हर नगर निगमों में पहुंचने पर है। इसलिए, चुनावी व्यस्तताओं के बीच प्रबुद्ध सम्मेलनों का भी सिलसिला जारी है।
प्रदेश में 17 नगर निगम हैं। 2017 में 16 नगर निगमों में चुनाव हुए थे। इसमें 14 नगर निगमों में मेयर की कुर्सी पर भाजपा काबिज हुई थी, जबकि अलीगढ़ और मेरठ बसपा के खाते में गई थी। इस बार भाजपा की नजर ‘क्लीन स्वीप’ पर है। इसके लिए योगी ने अभी से जमीन तैयार करनी शुरू कर दी है।
हर दूसरे दिन एक प्रबुद्ध सम्मेलन
योगी 18 नवंबर से गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रचार रथ पर सवार हुए हैं। इसके दो दिन बाद से उन्होंने यूपी के नगर निगम क्षेत्रों में प्रबुद्ध सम्मेलनों का सिलसिला भी शुरू कर दिया है। योगी ने 20 नवंबर को सहारनपुर, 22 को गाजियाबाद, 24 को झांसी और प्रयागराज, 25 को अलीगढ़ और फिरोजाबाद, 28 को आगरा और 30 को मेरठ में प्रबुद्ध सम्मेलन को संबोधित किया। सम्मेलनों के साथ ही इन शहरों में शिलान्यास और लोकार्पण के जरिए विकास योजनाओं की भी सौगात दी गई, जिनका अधिकतर हिस्सा शहरी क्षेत्रों से जुड़ा था। इस बीच 27 नवंबर को योगी अयोध्या में भी थे। 2 दिसंबर को वह मुरादाबाद और 4 दिसंबर को गोरखपुर में प्रबुद्ध सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। 5 से 7 दिसंबर तक विधानमंडल का शीतकालीन सत्र चलेगा। बचे नगर निगमों के कार्यक्रम इसके हिसाब से तय किए जाएंगे।
स्वरूप ऐसा कि संदेश सब तक जाए
प्रबुद्ध सम्मेलनों से संदेश साधने के लिए भागीदारी का दायरा व्यापक बनाया गया है। हर सम्मेलन में 15 से 20 हजार लोग आमंत्रित किए जा रहे हैं। इसमें नगर निगम, नगर पालिकाओं व नगर पंचायतों के सभी वॉर्डों के लोग शामिल हैं।
मंच से सीएम पहले नगर विकास, स्वास्थ्य आदि विभागों की योजनाओं की सौगात दे रहे हैं। इसके बाद उस क्षेत्र में अपनी सरकार के काम और पिछली सरकार की असफलताओं को गिना रहे हैं, जिससे जनता तक तुलनात्मक तस्वीर पहुंच सके। विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने प्रबुद्ध सम्मेलनों का प्रयोग किया था, जिसमें उसे सफलता मिली थी।
Author: samachar
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