कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट
उन्नावः उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिला अस्पताल में एक्सरे कराने वाले मरीजों और उनके तीमारदारों एक्सरे फिल्म की जगह कागज पर प्रिंट निकाल कर दिया जा रहा है। इसे जिला अस्पताल के डॉक्टर स्वीकार भी कर ले रहे हैं। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि फिल्म की जगह कागज पर प्रिंट की गई रिपोर्ट कितना सटीक होगी जिस पर डॉक्टर इलाज भी कर दे रहे हैं। दरअसल, जिला अस्पताल उन्नाव में मेनुअल और डिजिटल एक्सरे की सुविधा उपलब्ध है।
लोगों का एक्सरे किया भी जा रहा है लेकिन डिजिटल एक्सरे की रिपोर्ट एक्सरे फिल्म की जगह कागज के प्रिंट पर फोटो कापी करके दी जा रही है। इस रिपोर्ट को तो जिला अस्पताल के डॉक्टर मान ले रहें हैं, लेकिन सवाल यह उठता है कि कागज पर रिपोर्ट कितनी पारदर्शी होगी। इससे डॉक्टर को क्या समझ में आता होगा। एक्सरे कराने आने वाले कई मरीजों और उनके परिजनों से जब बात की गई तो वह भी कागज पर छपी रिपोर्ट पाकर काफी आश्चर्य में थे।
मरीजों ने कहा कि कागज पर छपी रिपोर्ट से माइनर चोट कैसे स्पष्ट दिखेगी। डॉक्टर माइनर चोट को कैसे देख पाएंगे और कैसे इलाज करेंगे। इस बारे में जब एक्सरे करने वाली टीम से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जो सुविधा हमको उपलब्ध कराई जा रही है उस पर हम रिपोर्ट दे रहें हैं।
जिला अस्पताल के प्रभारी सीएमएस डॉक्टर आलोक पांडे ने कहा कि यहां कागज और फिल्म दोनों पर रिपोर्ट दी जा रही है और हमारे डॉक्टर इसके आधार पर इलाज भी कर रहें है।
Author: samachar
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