दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश: मिर्ज़ापुर में कालिया नाम का बंदर 250 लोगों को घायल कर चुका है। कालिया को शराब और नॉनवेज बेहद पसंद है और महिलाओं को गन्दी नज़रों से देखता है।
इन्हीं कारणों से कालिया कानपुर के चिड़ियाघर में ‘उम्रकैद’ की सजा काट रहा है। इस बंदर को मिर्ज़ापुर से पकड़कर कानपूर लाया गया था।
मिर्ज़ापुर में बंदर का आतंक फैला
मिर्ज़ापुर वेब सीरीज में आपने कालीन भैया और गुड्डू भैया की कहानी तो सुनी और देखी भी होगी। क्या आप जानते है मिर्ज़ापुर में ‘कालिया’ की कहानी। ये कालिया कोई इंसान नहीं बल्कि बंदर है, जिसने मिर्ज़ापुर में आतंक फैला रखा है। महिलाएं और बच्चे उसके नाम से बहुत ज्यादा डरते है।
इस बंदर ने करीब 250 महिलाओं और बच्चों को अपना निशाना बनाया हुआ था। उन लोगों को गंभीर रूप से घायल किया था. इसके बाद वन विभाग ने कालिया को ‘उम्रकैद’ की सजा दी। इसके बाद कालिया को कानपुर के चिड़ियाघर के पिंजरे में बंद कर दिया।
कालिया को पिंजरे में किया बंद
मिर्ज़ापुर में 5 साल पहले कालिया (बंदर) ने जमकर आतंक मचाया हुआ था. वह महिलाओं और बच्चों को देखते ही उन्हें काटने के लिए दौड़ जाता था। कालिया सिर्फ महिलाओं और बच्चों पर ही हमला करता था।
उसने करीब 250 लोगों को अपना निशाना बनाया था। इसके बाद कालिया को प्राणी उद्यान के पशु चिकित्सक डॉक्टर मोहमाद नासिर ने मिर्ज़ापुर से पकड़ा था, तब से ही कालिया कानपूर के पिंजरे में बंद है।
स्वभाव में कोई बदलाव नहीं
बताया जा रहा है कालिया के व्यवहार में अभी तक कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। इस वजह से उसे पिंजरे से बाहर नहीं निकाला गया। उसकी ‘उम्रकैद’ की सजा ऐसी ही बरकरार रहेगी। बता दे, कानपुर के चिड़ियाघर में कई शैतान बंदर बंद हैं, जिनको अब रिहा करने के बारे में विचार किया जा रहा है, लेकिन कालिया को बाहर नहीं निकाला जाएगा। क्योंकि उसके व्यवहार में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। वह अभी भी लोगों के देखकर हमलावर हो जाता है।
महिलाओं को करता अभद्र इशारे
कालिया महिलाओं को देखकर गंदे के इशारे करता था और कुछ बुदबुदाने लगता था। कालिया को 5 साल हो गए कैद में रहते हुए, लेकिन अभी भी वह महिलाओं को देखते ही अभद्र इशारे करने लगता है। इसके साथ ही कालिया महिलाओं पर अटैक करने को दौड़ता है। इस वजह से उसको पिंजरे से बाहर नहीं निकाला जा सकता।
Author: samachar
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