प्रशांत झा की रिपोर्ट
पटनाः बिहार की राजधानी पटना की ‘ग्रैजुएट चाय वाली’ प्रियंका गुप्ता ने एक वीडियो में रोते हुए दावा किया है कि नगर निगम ने फिर से उनका ठेला उठा लिया है। उन्होंने रोते हुए अपना एक वीडिया पोस्ट किया है जिसमें वह कहती नजर आ रही हैं कि हम सिस्टम से हार मान गए हैं। वीडियो में प्रियंका ने कंपनी बंद करने की बात कही है।
प्रियंका ने कहा कि यहां पटना में बहुत सारा गैरकानूनी काम होता है। गैरकानूनी तरीके से शराब बेचा जाता है लेकिन सिस्टम वहां सक्रिय नहीं होता। लेकिन एक लड़की बिजनस करना चाहती है तो उसे बार-बार परेशान किया जाता है। प्रियंका पटना के वीमेंस कॉलेज के पास ‘ग्रेजुएट चाय वाली नाम से स्टॉल लगाकर खूब सुर्खियां बटोरी थी। कुछ दिनों बाद उन्होंने अपने स्टॉल को शिफ्ट कर लिया और वो बोरिंग रोड चली गईं।
प्रियंका ने वीडियो में कह रही है- “आप सब तो मुझे जानते ही होंगे। ग्रेजुएट चाय वाली। सो कॉल्ड ग्रेजुएट चाय वाली। हद भूल गए थे हम अपनी। मुझे लगा था कि हम बिहार में कुछ अलग कर रहे थे। अभी तो आप लोग सपोर्ट कर रहे थे न लेकिन हम अपनी हद भूल गए थे कि ये बिहार है बिहार। यहां लड़कियों की औकात इतनी होती है कि वह बस किचन तक सीमित रहती हैं। होना भी चाहिए। लड़कियों को आगे बढ़ने का कोई हक नहीं होता है।”
प्रियंका ने वीडियो में रोते हुए आगे कहती हैः “यहां पटना में बहुत सारा ठेला लगता है। पटना में अवैध तरीके से बहुत काम होता है। शराब बेची जाती है, लेकिन वहां सिस्टम एक्टिव नहीं होता है। कोई लड़की अपना व्यवसाय कर रही है तो उसको बार बार परेशान किया जाता है। हद भूल गए थे न हम अपनी। मेरी औकात बस चूल्हा चौका तक है। शादी करके बस अपने घर जाना। बिजनेस करना तो अधिकार ही नहीं है।”
प्रियंका बोरिंग रोड में जहां ठेला लगाती हैं वहां से उनका स्टॉल गायब है। सिर्फ दो डिब्बे और कुछ कप और कचरा का डिब्बा बचा हुआ है। प्रियंका ने इसके लिए पटना नगर निगम पर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि “जब मुझे नगर निगम के कमिश्नर सर से परमिशन मिला है कि हम कुछ दिनों के लिए यहां ठेला लगा सकते हैं तो बार बार मेरा स्टॉल क्यों उठा लिया जाता है?
प्रियंका ने रोते हुए कहा कि हम सिस्टम से हार मान गए हैं। बकौल प्रियंका जिन जिन ने हम लोगों का फ्रेंचाइजी बुक किया है हम उनको पैसा वापस करने जा रहे हैं। कंपनी बंद करने जा रहे हैं। हम घर जा रहे हैं वापस। शुक्रिया नगर निगम।”
Author: samachar
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